अब अपने आधार कार्ड से लिंक करना होगा वोटर आईडी! चुनाव आयोग की तैयारी पूरी

Edited By Yaspal,Updated: 24 Jan, 2020 07:23 PM

voter id will have to be linked with your aadhar preparation of ec completed

कानून मंत्रालय ने वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करने की अनुमति दे दी है। चुनाव आयोग ने कानूम मंत्रालय को अगस्त 2019 में इस तरह का प्रस्ताव भेजा था, जिसे कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मान लिया है। चुनाव आयोग ने कहा था कि 12 नंबर वाले आधार कार्ड और...

नेशनल डेस्कः कानून मंत्रालय ने वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करने की अनुमति दे दी है। चुनाव आयोग ने कानूम मंत्रालय को अगस्त 2019 में इस तरह का प्रस्ताव भेजा था, जिसे कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मान लिया है। चुनाव आयोग ने कहा था कि 12 नंबर वाले आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड को लिंग करने के ले उसे कानूनी अधिकार चाहिए।

नए-पुराने सभी को देना होगा आधार नंबर
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग का कहना था कि ऐसा करने से फर्जी वोटरों पर लगाम लगाई जा सकेगी। इसलिए सभी पुराने और नए वोटर कार्ड पर लगाम लगाई जा सकेगी। इसलिए सभी पुराने और नए वोटर कार्ड धारकों को अपना आधार नंबर भी देना होगा। हालांकि, अगर कोई व्यक्ति ऐसा नहीं करता है तो भी उसका नाम वोटर लिस्ट से हटाया नहीं जा सकता है और नही उसे लिस्ट में शामिल करने से रोका जा सकता है।
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केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि इन आंकड़ों को हैक, कॉपी या फिर चोरी से बचाने के लिए चुनाव आयोग पर्याप्त कदम उठाएगा। आधार से वोटर आईडी कार्ड के लिंक होने से फर्जी वोटरों पर लगाम लगेगी। इससे बोगस वोटरों पर अंकुश लगेगा देश भर में विभिन्न राजनीतिक पार्टियां ने भी अगस्त में हुई बैठक में आधार से वोटर आईडी कार्ड को लिंक करने पर सहमति जताई थी।
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38 करोड़ लोगों को वोटर आईडी आधार से लिंक
चुनाव आयोग ने 12 दिसंबर को पत्र लिखकर कहा कि उसने इस तरह के डाटा की सुरक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं की हैं। आयोग ने कहा कि वो आवेदन के वक्त ही दो तरह से डाटा को वैलिडेट करेगा। किसी भी तरह से आधार का डाटा वोटर डाटाबेस में नहीं जाएगा। आधार संख्या का इस्तेमाल केवल सत्यापन के लिए किया जाएगा। इसके लिए अलग से इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया गया है। सर्वर के लिए कई चरणों की सुरक्षा व्यवस्था है, जिसमें एक्सेस कंट्रोल सिस्टम, फायरवॉल, आईपीएस और एंटी वायरस का इस्तेमाल किया गया है। जो भी डाटा शुरुआत में मिलेगा, उसको किसी भी व्यक्ति को उपलब्ध कराने, ट्रांसफर करने, वितरण करने, ट्रांसमिशन करने या फिर सर्कुलेशन करने पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है।

अभी तक चुनाव आयोग 38 करोड़ लोगों के वोटर आईडी कार्ड को आधार नंबर से लिंक कर चुका है। हालांकि 2015 में शुरू हुई इस कवायद पर चुनाव आयोग को कोर्ट के फैसले के बाद रोक लगानी पड़ी थी। देश भर में कुल 75 करोड़ लोगों के वोटर आईडी कार्ड बने हुए हैं। फरवरी 2015 में यह कवायद शुरू की गई थी, हालांकि उसी साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद इसको रोक दिया गया था। तब सर्वोच्च न्यायालय ने आधार का इस्तेमाल केवल राशन, एलपीजी और केरोसिन लेने के मंजूर किया था।
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कानून में करना होगा बदलाव
इसके लिए केंद्र सरकार आधार एक्ट 2016 और जनप्रतिनिधि कानून में बदलाव करेगी। इसके लिए संसद में बिल लाया जाएगा, जिसके बाद वहां से मुहर लगने के बाद ऐसा हो सकेगा।  सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि सरकारी योजनाओं का फायदा लेने के लिए आधार अनिवार्य है। इसके अलावा भी आधार मांगा जा सकता है लेकिन वह अनिवार्य नहीं होगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसमें आधार की गोपनीयता सुरक्षित रखने को कहा था।  

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