ADR के सर्वे में हुआ जनता के मूड का खुलासा-रोजगार, पेयजल और सड़कों के मुद्दे पर संतुष्ट नहीं वोटर

Edited By Seema Sharma,Updated: 26 Mar, 2019 09:24 AM

voter not satisfied on issue of employment drinking water survey

हाल ही में करवाए गए सर्वे में देखा गया है कि देश की मूलभूत प्राथमिकताओं पर केन्द्र सरकार के कामकाज से मतदाता असंतुष्ट हैं। एसोसिएशन फॉर डैमोक्रेटिक रिफॉर्म्स(ए.डी.आर.) की ओर से करवाए गए सर्वेक्षण में देखा गया है

नई दिल्ली: हाल ही में करवाए गए सर्वे में देखा गया है कि देश की मूलभूत प्राथमिकताओं पर केन्द्र सरकार के कामकाज से मतदाता असंतुष्ट हैं। एसोसिएशन फॉर डैमोक्रेटिक रिफॉर्म्स(ए.डी.आर.) की ओर से करवाए गए सर्वेक्षण में देखा गया है कि भारतीय मतदाता रोजगार और मूलभूत सुविधाओं (जैसे स्वास्थ्य सेवा, पेयजल, बेहतर सड़कें इत्यादि) को सभी शासकीय मुद्दों से ऊपर प्राथमिकता देते हैं। रोजगार के बेहतर अवसर जोकि मतदाताओं की शीर्ष प्राथमिकता है पर सरकार के प्रदर्शन को सबसे खराब में से एक (5 के पैमाने पर 2.15) रेटिंग मिली है।

क्यों चुनते हैं ऐसे उम्मीदवार

  • अखिल भारतीय सर्वेक्षण-2018 के अनुसार 75.11 प्रतिशत मतदाताओं के लिए मुख्यमंत्री प्रत्याशी सबसे महत्वपूर्ण कारक है जिसके हिसाब से मतदाता किसी चुनाव में किसी प्रत्याशी के लिए वोट करते हैं।
  • इसके बाद प्रत्याशी की पार्टी (71.32 प्रतिशत) और स्वयं प्रत्याशी (68.03 प्रतिशत) आते हैं। हमारे लोकतंत्र की विडम्बना है कि 41.34 प्रतिशत मतदाताओं के लिए नकद धन, शराब और उपहार इत्यादि का वितरण किसी चुनाव में किसी विशेष प्रत्याशी को वोट करने के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है।
  • आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों को वोट करने के संबंध में अधिकतम मतदाताओं (36.67 प्रतिशत) को यह लगता है कि लोग ऐसे प्रत्याशियों को इसलिए वोट करते हैं क्योंकि उन्हें उन प्रत्याशियों के आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी नहीं होती है।
  • 35.89 प्रतिशत मतदाता आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशी को भी वोट देने की इच्छा रखते हैं यदि प्रत्याशी ने पूर्व में अच्छा काम किया हो।
  • यद्यपि 97.86 प्रतिशत मतदाताओं को लगता है कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों को संसद या विधानसभाओं में नहीं होना चाहिए। सिर्फ 35.20 प्रतिशत मतदाताओं को पता था कि वह प्रत्याशी के आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी पा सकते हैं।

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सरकार का प्रदर्शन औसत या इससे अधिक नहीं रहा
अखिल भारतीय सर्वेक्षण रिपोर्ट-2018 के अनुसार अखिल भारतीय स्तर पर मतदाताओं की शीर्ष 3 प्राथमिकताएं रोजगार के बेहतर अवसर (46.80 प्रतिशत), बेहतर अस्पताल/ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (34.60 प्रतिशत) और पेयजल (30.50 प्रतिशत) हैं, इसके बाद बेहतर सड़कें (28.34 प्रतिशत) और बेहतर सार्वजनिक परिवहन (27.35 प्रतिशत) क्रमश : चौथे एवं पांचवें स्थान पर हैं। इस पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि अखिल भारतीय स्तर पर मतदाताओं की शीर्ष 10 प्राथमिकताओं में कृषि से संबंधित मुद्दे विशेष रूप से सामने आए। उदाहरणार्थ कृषि के लिए जल की उपलब्धता (26.40 प्रतिशत) छठे स्थान पर, कृषि ऋण की उपलब्धता (25.62 प्रतिशत) सातवें स्थान पर, कृषि उत्पादों के लिए अधिक मूल्यों की प्राप्ति (25.41 प्रतिशत) आठवें स्थान पर और बीजों/उर्वरकों के लिए कृषि सबसिडी (25.06 प्रतिशत) नौवें स्थान पर दिखाई दिए। मतदाताओं की शीर्ष प्राथमिकता रोजगार के बेहतर अवसर पर सरकार के प्रदर्शन को औसत से कम (5 के पैमाने पर 2.15) रेटिंग मिली और अखिल भारतीय स्तर पर इसे सोलहवां स्थान प्राप्त हुआ। मतदाताओं की अन्य 2 शीर्ष प्राथमिकताओं, बेहतर अस्पताल/प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (2.35) और पेयजल (2.52) पर भी औसत से कम रेटिंग मिली। बेहतर अस्पताल/प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सातवां और पेयजल को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। यह गंभीर चिंता का विषय है कि मतदाताओं की 31 सूचीबद्ध प्राथमिकताओं में से किसी एक पर भी सरकार का प्रदर्शन औसत या इससे अधिक नहीं रहा।

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