डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरती कीमत पर क्या बोलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण?

Edited By Yaspal,Updated: 02 Aug, 2022 05:59 PM

what did nirmala sitharaman say on the falling rupee against the dollar

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में गिरावट को लेकर राज्यसभा में कई सदस्यों द्वारा चिंता जताए जाने के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि भारतीय मुद्रा धराशायी नहीं हो रही है और वास्तव में यह अपना स्वभाविक मार्ग अपना रही है

नई दिल्लीः अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में गिरावट को लेकर राज्यसभा में कई सदस्यों द्वारा चिंता जताए जाने के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि भारतीय मुद्रा धराशायी नहीं हो रही है और वास्तव में यह अपना स्वभाविक मार्ग अपना रही है। वित्त मंत्री ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के विवेक तन्खा सहित विभिन्न सदस्यों के पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) लगातार रुपये पर नजर रख रहा है और अस्थिरता की स्थिति होने पर ही हस्तक्षेप करता है।

सीतारमण ने कहा, "आरबीआई भारतीय रुपये का मूल्य तय करने के लिए हस्तक्षेप नहीं करता और यह (रुपया) अपना रास्ता बनाने के लिए स्वतंत्र है।" उन्होंने कहा कि आरबीआई द्वारा किए गए हस्तक्षेप भारतीय रुपये और अमेरिकी डॉलर के बीच अस्थिरता को नियंत्रित करने के लिए अधिक हैं। वित्त मंत्री ने कहा, "कई अन्य देशों की तरह भारत अपनी मुद्रा को बहुत ऊंचे स्तर पर नहीं बढ़ा रहा है। इसलिए जिस तरह से हम इसे मजबूत करना चाहते हैं... आरबीआई और मंत्रालय इसके लिए प्रयासरत हैं।"

कांग्रेस सदस्य तन्खा ने पूरक प्रश्न पूछते हुए सुझाव दिया कि अनिवासी भारतीयों को विदेशी मुद्रा में राशि भारत भेजने की अनुमति दी जानी चाहिए। इस पर वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि इस संबंध में उनका मंत्रालय कोई आश्वासन नहीं दे सकता लेकिन वह आरबीआई को इस सुझाव से अवगत करा सकती हैं।

सीतारमण ने कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपये में अधिक उतार-चढ़ाव देखा गया है लेकिन रुपये का प्रदर्शन अन्य मुद्राओं की तुलना में बेहतर है। उन्होंने कहा कि रुपया अमेरिकी केंद्रीय बैंक के फैसलों के प्रभाव को किसी भी अन्य मुद्राओं की तुलना में बेहतर तरीके से झेला है। उन्होंने कहा कि वास्तव में, यदि भारतीय रुपये की तुलना अन्य मुद्राओं से की जाए, तो इसके मूल्य में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, "मैं सदस्य को आश्वस्त करना चाहती हूं कि भारतीय रुपया धराशायी नहीं हुआ है।"

विदेशी मुद्रा भंडार कम होने के संबंध में उन्होंने कहा कि 22 जुलाई को यह 571.56 अरब अमेरिकी डॉलर था और यह कोई छोटी राशि नहीं है तथा भारत अब भी आरामदायक स्थिति में है। रुपये के संबंध में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी का जिक्र करते हुए कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने सवाल किया कि रुपये का मूल्य कब बढ़ेगा।

इस पर वित्त मंत्री ने जवाब दिया कि जब गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और अब प्रधानमंत्री ने भारतीय मुद्रा के संबंध में टिप्पणी की थी, तब अर्थव्यवस्था अन्य सभी मापदंडों के लिहाज से गंभीर स्थिति में थी।

सीतारमण ने कहा कि उनकी (नरेंद्र मोदी) टिप्पणियों का कारण यह था कि भारत में लगातार 22 महीनों तक मुद्रास्फीति दहाई अंकों में थी और भारत एक नाजुक अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया था। उन्होंने कहा कि आज भारत महामारी से उबर रहा है और यूक्रेन युद्ध का भी असर हुआ है। इसके बाद भी भारतीय मुद्रा अब भी मजबूत है। इससे पहले, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि सरकार भारतीय रुपये के गिरते मूल्य पर काबू के लिए विभिन्न प्रयास कर रही है।

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