क्या होती है TRP, टीवी चैनल को नंबर वन बनाने में क्या है इसकी भूमिका, जानें सबकुछ

Edited By Yaspal,Updated: 08 Oct, 2020 08:09 PM

what is trp what is its role in making tv channel number one

मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने गुरुवार को टीआरपी के खेल का सनसनीखेज खुलासा किया, जिसके बाज टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (TRP) चर्चा का विषय बन गया है। गुरुवार को मुंबई में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में परमबीर सिंह ने कहा कि मुंबई क्राइम ब्रांच ने एक...

नेशनल डेस्कः मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने गुरुवार को टीआरपी के खेल का सनसनीखेज खुलासा किया, जिसके बाज टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (TRP) चर्चा का विषय बन गया है। गुरुवार को मुंबई में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में परमबीर सिंह ने कहा कि मुंबई क्राइम ब्रांच ने एक नए रैकेट का खुलासा किया है। इस रैकेट का नाम ‘फॉल्स टीआरपी रैकेट’ है। पुलिस टीआरपी में हेरफेर से जुड़े घोटाले की जांच कर रही है। आइए जानते हैं क्या होती है टीआरपी और किसी चैनल को नंबर वन बनाने में क्या है इसकी भूमिका।

क्या होती है टीवी चैनल की टीआरपी?
टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट यानी टीआरपी एक ऐसा उपकरण है जिसके द्वारा यह पता लगाया जाता है कि कौन सा प्रोग्राम या टीवी चैनल सबसे ज्यादा देखा जा रहा है। साथ ही इसके कारण किसी भी प्रोग्राम या चैनल की पॉपुलैरिटी को समझने में मदद मिलती है, यानी कि लोग किसी चैनल या प्रोग्राम को कितनी बार और कितने समय के लिए देख रहे हैं। प्रोग्राम की टीआरपी सबसे ज्यादा होना मतलब सबसे ज्यादा दर्शक उस प्रोग्राम को देख रहे हैं।

टीआरपी का डाटा विज्ञापनदाताओं के लिए बहुत ही उपयोगी होता है, क्योंकि विज्ञापनदाता उन्ही प्रोग्राम को विज्ञापन देने के लिए चुनते हैं जिसकी टीआरपी ज्यादा होती है। बता दें कि टीआरपी को मापने के लिए कुछ जगहों पर 'पीपल मीटर' (People Meter) लगाए जाते हैं। इसे ऐसे समझ सकते है कि कुछ हजार दर्शकों को न्याय और नमूने के रूप में सर्वे किया जाता है और इन्हीं दर्शकों के आधार पर सारे दर्शक मान लिया जाता है जो टीवी देख रहे होते हैं। ये पीपल मीटर विशिष्ट आवृत्ति के द्वारा पता लगाते हैं कि कौन सा प्रोग्राम या चैनल कितनी बार देखा जा रहा है।

कैसे तय की जाती है टीआरपी?
इस मीटर के द्वारा टीवी की एक-एक मिनट की जानकारी को निगरानी दल, भारतीय टेलीविजन दर्शकों का मापन (INTAM) तक पहुंचा दिया जाता है. ये टीम पीपल मीटर से मिली जानकारी का विश्लेषण करने के बाद तय करती है कि किस चैनल या प्रोग्राम की टीआरपी कितनी है। इसकी गणना करने के लिए एक दर्शक के द्वारा नियमित रूप से देखे जाने वाले प्रोग्राम और समय को लगातार रिकॉर्ड किया जाता है और फिर इस डाटा को 30 से गुना करके प्रोग्राम का एवरेज रिकॉर्ड निकाला जाता है। यह पीपल मीटर किसी भी चैनल और उसके प्रोग्राम के बारे में पूरी जानकारी निकाल लेता है।

टीआरपी का क्या होता है प्रभाव?
टीआरपी के ज्यादा या कम होने का प्रभाव सीधा टीवी चैनल की आय (Income) पर पड़ता है, जिसमें वो प्रोग्राम आ रहा होता है। जितने भी टीवी चैनल हैं जैसे सोनी, स्टार प्लस, जी चैनल आदि सभी विज्ञापन द्वारा पैसे कमाते हैं। अगर किसी प्रोग्राम या चैनल की टीआरपी कम है तो इसका मतलब लोग उसे कम देख रहे हैं। इसका मतलब साफहै कि उस प्रोग्राम में विज्ञापन के ज्यादा पैसे नहीं मिलेंगे या फिर बहुत कम विज्ञापनदाता मिलेंगे। लेकिन अगर किसी चैनल या प्रोग्राम की टीआरपी ज्यादा होगी तो उसे ज्यादा विज्ञापन मिलेंगे और विज्ञापनदाताओं द्वारा ज्यादा पैसे भी मिलेंगे।

इससे साफ है कि टीआरपी केवल चैनल ही नहीं बल्कि किसी एक प्रोग्राम पर भी निर्भर करती है। उदाहरण के लिए यदि किसी राइजिंग स्टार प्रोग्राम की टीआरपी अन्य किसी प्रोग्राम से ज्यादा है तो विज्ञापनदाता अपना विज्ञापन उस प्रोग्राम में दिखाना चाहेंगे और ज्यादा पैसे देंगे।

 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!