जब हादसे वाली जगह से गुजरी वंदे भारत एक्सप्रेस, जानें कैसा था यात्रियों का रिएक्शन

Edited By Yaspal,Updated: 05 Jun, 2023 09:33 PM

when vande bharat express passed through the accident site

बालासोर में गत शुक्रवार को हुए भीषण रेल हादसे के बाद सोमवार को पहली यात्री ट्रेन दुर्घटनास्थल से जब गुजरी तो अधिकतर यात्री खिड़कियों से बाहर हादसे की भयावहता को देख रहे थे

नेशनल डेस्कः बालासोर में गत शुक्रवार को हुए भीषण रेल हादसे के बाद सोमवार को पहली यात्री ट्रेन दुर्घटनास्थल से जब गुजरी तो अधिकतर यात्री खिड़कियों से बाहर हादसे की भयावहता को देख रहे थे, कुछ यात्री हतप्रभ थे जबकि बाकी ‘जगन्नाथ जगन्नाथ' बुदबुदा रहे थे। बाहानगा बाजार स्टेशन से गुजरने के दौरान वंदे भारत एक्सप्रेस की गति काफी धीमी हो गई थी जिसकी वजह से यात्री करीब से उस भयावहता को देख सके। वहां कुछ डिब्बे अब भी उलटे पड़े थे और क्रेन की मदद से मजदूर मलबा हटा रहे थे। गत शुक्रवार को तीन ट्रेनों (दो एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी) की टक्कर के कारण क्षतिग्रस्त पटरियों की मरम्मत के बाद हावड़ा-पुरी वंदे भारत एक्सप्रेस पहली यात्री ट्रेन थी जो दुर्घटनास्थल से गुजरी।

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार के हादसे में करीब 275 यात्रियों की जान चली गई थी और 1200 से अधिक यात्री घायल हुए। ट्रेन में सवार 56 वर्षीय कणिका चौधरी के मुंह से अन्यास ही निकल गया- ‘इश्श' (बांग्ला भाषा में स्तब्धता प्रकट करते हुए)। उन्होंने कहा, ‘‘देखली कॉश्टो होय'' (इसे देखना कितना पीड़ादायक है)। रेलवे अधिकारियों ने रविवार को एसएमएस भेजकर सूचित किया था कि उनकी ट्रेन हावड़ा से समय पर रवाना होगी। यह ट्रेन सुबह छह बजकर 10 मिनट पर हावड़ा से रवाना हुई लेकिन इसके मार्ग को लेकर जानकारी नहीं थी क्योंकि जहां हादसा हुआ था, वहां पटरियों की मरम्मत पूरी होने की कोई खबर नहीं थी। यात्री वंदे भारत एक्सप्रेस के मार्ग को लेकर चर्चा कर रहे थे। डिब्बे में लगा सूचना बोर्ड ट्रेन की गति 110 किलोमीटर प्रति घंटा होने की जानकारी दे रहा था।

ट्रेन में सवार अधिकतर यात्रियों का गंतव्य पुरी था जो समुद्र तट के किनारे बसा प्रमुख तीर्थ स्थल है। यात्री ट्रेन के रूट को लेकर चर्चा कर रहे थे तभी ट्रेन खड़गपुर स्टेशन पहुंची और ट्रेन में उदघोषणा हुई कि अगला स्टेशन बालासोर है। इसके बाद बड़ी संख्या में यात्री अपने मोबाइल फोन के साथ खिड़कियों की ओर बढ़े। खड़गपुर से रवाना होने के बाद भी ट्रेन की गति 110 से 122 किलोमीटर के बीच थी।

इसके बाद ट्रेन बाहानगा बजार से कुछ किलोमीटर पहले कांतापाड़ा रेलवे स्टेशन पहुंची और कुछ समय के लिए रुकी। तभी अपने फोन में गूगल मैप देख रखे एक युवक बिमल साहा ने कहा, ‘‘केवल चार मिनट दूर है।'' ट्रेन की गति 20 से 25 किलोमीटर प्रतिघंटा के बीच रही और सभी की नजरें खिड़की के बाहर थी। जब ट्रेन क्षतिग्रस्त डिब्बों को पूर्वाह्न 9.25 बजे पार कर रही थी, उस समय खामोशी छा गयी और सभी यात्री हतप्रभ होकर बाहर देख रहे थे। ट्रेन में सवार लगभग सभी के मोबाइल फोन के कैमरे ऑन थे। रेल अधिकारियों ने इलाके को हरे कपड़े से ढंक दिया है लेकिन इसके बावजूद लोगों की नजरें क्षतिग्रस्त डिब्बों पर थी। ज्यादातर यात्री ने टेलीविजन पर हादसे के दृश्यों को देखा था और अखबार में पढ़ा था लेकिन वे अपनी आंखों से वास्तविक तबाही देख रहे थे।

उल्लेखनीय है कि गत दो जून को शाम सात बजे कोरोमंडल एक्सप्रेस पहले से खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी और उसके अधिकतर डिब्बे पटरी से उतर गए थे। कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के आखिर के कुछ डिब्बों से टकरा गए थे जो उसी समय वहां से विपरीत दिशा से गुजर रही थी। बड़ी संख्या में पुलिस के जवान और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के कर्मी घटनास्थल पर नजर आए। उनमें से कई लोग गुजर रही वंदे भारत एक्सप्रेस को अपने कैमरे में कैद कर रहे थे। बड़ी संख्या में मजदूर भी दुर्घटनास्थल पर मौजूद थे। जब वंदे भारत एक्सप्रेस घटनास्थल से गुजरी तब उसकी गति मद्धिम हो गई लेकिन कोई झटका नहीं लगा।

कणिका चौधरी (60) ने कहा, ‘‘इसमें कोई शक नहीं कि रेलवे के इंजीनियरों ने शानदार काम किया है, लेकिन इच्छा है कि हमारी प्रणाली और उन्नत हो ताकि किसी भी टक्कर को रोका जा सके।'' उनकी बेटी और पेशे से ग्राफिक्स डिजाइनर सौमिका ने कहा, ‘‘कई जानें चली गई हैं, बहुत से परिवार प्रभावित हुए हैं।'' साहा ने कहा, ‘‘सुविधाजनक वंदे भारत एक्सप्रेस में बैठकर यह देखना बहुत ही पीड़ादायी है।'' साहा भी घटनास्थल को देखने के लिए खिड़की के पास चिपके रहे और अब वे दृश्य उन्हें परेशान कर रहे थे। हावड़ा और खडगपुर के बीच केवल दो-तीन ट्रेन ही दिखाई दी।

वंदे भारत एक्सप्रेस बाहानगा बाजार से अगले स्टेशन सोरो पहुंची और उसके बाद उसने गति पकड़ ली। सोरो स्टेशन पर भी बड़ी संख्या में मजदूर दिखे जो इंतजार कर रहे थे क्योंकि दुर्घटनास्थल पर अगले कुछ दिन काम जारी रहने का अनुमान है। इसके बाद वंदे एक्सप्रेस भारत करीब 100 किलोमीटर की गति से चली और गंतव्य स्थान पुरी करीब 50 मिनट की देरी से अपराह्न एक बजकर पांच मिनट पर पहुंची। अन्य रेलगाड़ियां जैसे श्री जगन्नाथ एक्सप्रेस, सियालदह-पुरी दुरंतो एक्सप्रेस और हावड़ा-पुरी एक्सप्रेस सोमवार को भी रद्द रहीं।

 

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