क्यों खतरनाक है कोरोना इलाज के लिए क्लोरीन डाइऑक्साइड केमिकल का प्रयोग, पढ़ें रिपोर्ट

Edited By Chandan,Updated: 20 Apr, 2020 09:16 PM

why chlorine dioxide chemical used dangerous for corona patients

कोरोना महामारी के बीच डॉक्टर, शोधकर्ता और वैज्ञानिक सभी कोरोना का इलाज खोजने में जुटे हैं। इस बीच कुछ ऐसी दवाएं सामने आई हैं जो कोरोना से लड़ रहे मरीजों के लिए संजीवनी बन कर उभरी है। इस बीच एक रसायन का नाम भी कोरोना बीमारी को दूर करने के लिए सुझाया...

नई दिल्ली/डेस्क। कोरोना महामारी के बीच डॉक्टर, शोधकर्ता और वैज्ञानिक सभी कोरोना का इलाज खोजने में जुटे हैं। इस बीच कुछ ऐसी दवाएं सामने आई हैं जो कोरोना से लड़ रहे मरीजों के लिए संजीवनी बन कर उभरी है। इस बीच एक रसायन का नाम भी कोरोना बीमारी को दूर करने के लिए सुझाया गया है।

क्या है क्लोरीन डाइऑक्साइड
कभी मलेरिया, अस्थमा, डायबिटीज और कैंसर जैसी बिमारियों में इस्तेमाल की जाने वाला केमिकल क्लोरीन डाइऑक्साइड का प्रयोग कोरोना वायरस के लिए किए जाने का विचार रखा गया है। हालांकि इस इस बारे में किसी स्वास्थ्य संगठन द्वारा इसे दवा के तौर पर मान्यता नहीं मिली है। बल्कि विशेषज्ञों ने यही कहा है कि इसके इस्तेमाल से स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

हानिकारक परिणाम
इस बारे में अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने बताया कि इस रसायन से लिवर और श्वसन तंत्र काम करना बंद कर देता है। जबकि कुछ मामलों में यह भी देखा गया है कि इससे मरीज की दिल की धड़कन काफी तेज हो जाती है, जिससे उसकी मौत होने के भी आसार बन जाते हैं।

इतना ही नहीं इसके प्रयोग से शरीर में रेड ब्लड सेल्स को नुकसान पहुंचता है और मरीज को उल्टी, डायरिया जैसे लक्षण भी शुरू हो जाते हैं। ऐसे हालातों में अगर मरीज को मेडिकल हेल्प न मिले तो उसकी मौत भी हो सकती है।

सोशल मीडिया पर उठी मांग
दरअसल, इस रसायन को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने अपने अनुभव शेयर किए हैं। लोगों ने बताया है कि यह कोरोना वायरस बीमारी में चमत्कारिक रूप से काम कर रही है। बता दें, इस रसायन को 'मिराकल मिनरल सप्लीमेंट' या 'चमत्कारिक खनिज पदार्थ' के नामों से भी जाना जाता है।

इस बारे में एक अस्थमा की मरीज महिला ने अपने अनुभव शेयर करते हुए कहा कि मैंने अपना कोरोना टेस्ट नहीं कराया। मैं सुपरमार्किट गई थी जहां शॉपिंग के दौरान मैं काफी लोगों के संपर्क में आई। मैं कुछ दिनों बाद थका हुआ फील करने लगी और मेरी आँखों में और सिर दर्द महसूस होने लगा, मुझे खाने की चीजों में स्वाद भी नहीं लगता था। ये सभी कोरोना के लक्षण थे। इसके बाद मैंने क्लोरीन डाइऑक्साइड का इस्तेमाल करते हुए अपना ध्यान रखा। मुझे इस केमिकल को लेने के 24 घंटों में मेरे गले और बुखार में सुधार महसूस हुआ, मेरी तकलीफ खत्म हो गई थी। लेकिन डॉक्टरों ने इस बारे में कहा कि यह खतरनाक है।

खतरनाक होगा इस्तेमाल करना
इस रसायन को इस्तेमाल करने के बारे में स्वास्थ्य संगठनों की राय है कि यह बेहद खतरनाक है। इसे साफ-सफाई में इस्तेमाल किया जाता है, तो इसे कैसे कोई पी सकता है। वहीँ, बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार,  कंप्लूटेंस यूनिवर्सिटी ऑफ मैड्रिड में केमिस्ट्री के प्रोफेसर मिगेल एंजेल सिएरा रॉड्रिग्ज कहते हैं कि इस कीटाणुनाशक का इस्तेमाल इंडस्‍ट्रीज में होता है। इसे खाया या पीया नहीं जाना चाहिए।

 

 

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