'स्किन-टू-स्किन' फैसले का अनोखा विरोध, महिला ने पत्र के साथ जज को भेजे 150 कंडोम पैक

Edited By Yaspal,Updated: 18 Feb, 2021 09:23 PM

woman sends 150 condom packs to judge with letter

बॉम्बे हाईकोर्ट की जज जस्टिस पुष्पा गनेडीवाला द्वारा विवादास्पद ‘स्किन-टू-स्किन’ फैसला देने के बाद बड़े पैमाने पर विरोध हुआ। इसी फैसले से परेशान होकर गुजरात की एक राजनीतिक विश्लेषक ने जज को कहा कि इनके आदेश ने समाज में अपराधियों में गलत संदेश गया...

नेशनल डेस्कः बॉम्बे हाईकोर्ट की जज जस्टिस पुष्पा गनेडीवाला द्वारा विवादास्पद ‘स्किन-टू-स्किन’ फैसला देने के बाद बड़े पैमाने पर विरोध हुआ। इसी फैसले से परेशान होकर गुजरात की एक राजनीतिक विश्लेषक ने जज को कहा कि इनके आदेश ने समाज में अपराधियों में गलत संदेश गया है। जानी पहचानी महिला यूट्यूबर देवश्री त्रिवेदी ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो अपलोड किया है, जहां 12 पैकेट में करीब 150 कंडोम पैक कर रही थी। महिला ने 13 फरवरी को नागपुर में हाईकोर्ट रजिस्ट्री और जज के आधिकारिक आवास के पते पर कंडोम के पैकेट भेजे।

पार्सल हरिदास नाम के एक व्यक्ति को मिला
महिला ने मुंबई में हाई कोर्ट की प्रमुख बेंच को कुछ पैकेट भी भेजे। देवश्री त्रिवेदी ने कहा कि पार्सल सोमवार शाम 5.11 बजे नागपुर में हाई कोर्ट रजिस्ट्री में हरिदास नाम के व्यक्ति को मिला। संजय भरुका, रजिस्ट्रार (प्रशासन) ने कहा, "हम ऐसे मुद्दों पर टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि यह हमारे अधिकार क्षेत्र से बाहर है।" वकील श्रीरंग भंडारकर ने इस कदम की निंदा की और कहा कि यह न्यायाधीश को बदनाम करना है। उन्होंने कहा कि अगर उचित कार्रवाई नहीं की जाती है तो वकील महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे।

'मुझे यह विचित्र लगा'
देवश्री त्रिवेदी ने कहा, "कंडोम जज को स्किन-टू-स्किन फैसले पर एक प्रतीकात्‍मक विरोध के तहत भेजे गए हैं, जहां उन्‍होंने एक आदमी द्वारा 12 साल की लड़की के स्तन को बिना उसके कपड़े उतारकर छूने के आरोप के बावजूद बरी कर दिया। उन्‍होंने फैसला सुनाया कि इसमें स्किन को टच नहीं किया गया है, जिसके बाद उसका कृत्य यौन हमले के दायरे में नहीं आता है। मुझे यह विचित्र लगा और लड़की व उसके परिवार का दर्द समझते हुए मैंने ऐसा किया।"

जस्टिस पुष्पा के दो विवादित फैसले
जस्टिस पुष्पा गनेडीवाला ने यौन शोषण के मामलों की सुनवाई के दौरान जो दो विवादित फैसले सुनाए हैं। उनमें एक मामला 12 साल की बच्ची के यौन शोषण का है। जिसमें उन्होंने कहा कि कपड़ा हटाए बिना उसके ब्रेस्ट को छूना पोस्को के तहत अपराध नहीं है। वहीं दूसरे फैसले में कहा था बच्ची का हाथ पकड़कर पैंट की चेन खोलना पोक्सो के अंदर नहीं आता है।

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