Edited By Riya bawa,Updated: 07 Apr, 2020 12:15 PM
इस समय पूरा विश्व कोरोना महामारी की चपेट में है ऐसे में 7 अप्रैल को मनाया जाने वाला...
नई दिल्ली : इस समय पूरा विश्व कोरोना महामारी की चपेट में है ऐसे में 7 अप्रैल को मनाया जाने वाला विश्व स्वास्थ्य दिवस का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। इस बार का विश्व स्वास्थय दिवस उन तमाम डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थय कर्मचारियों को समर्पित है जो अपनी जान की परवाह किए बिना कोरोना की जंग लड़ रहे है। हर साल सात अप्रैल की तारीख को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस की शुरुआत साल 1950 में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा की गई थी। चलिए इस दिन के अवसर पर विस्तार से जानते है इसके पीछे का इतिहास, उद्देश्य और महत्व के बारे:
इतिहास
हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्थापना दिवस की वर्षगांठ पर विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इस संस्था का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जेनेवा शहर में है। डब्ल्यूएचओ की स्थापना के समय इसके संविधान पर विश्व के 61 देशों ने हस्ताक्षर किए थे और इसकी पहली बैठक 24 जुलाई 1948 को हुई थी। इसका प्रमुख कार्य विश्व में स्वास्थ्य समस्याओं पर नजर रखना और इसके निवारण में मदद करना। पूरे विश्व में समान स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के साथ ही स्वास्थ्य संबंधी अफवाहों और मिथकों को दूर करना भी इसका उद्देश्य है।
अभी तक WHO इन बीमारियों पर कर चुका है काम
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी स्थापना काल से अब तक स्मॉल चिकेन पॉक्स जैसी बीमारी को खत्म करने में बड़ी जिम्मेदारी निभाई है। भारत सरकार ने भी पोलियो जैसी महामारी को खत्म किया गया है। फिलहाल डब्ल्यूएचओ टीबी, एचआईवी, एड्स और इबोला जैसी जानलेवा बीमारियों की रोकथाम के लिए काम कर रहा है और वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण करने के लिए कई देशों की सरकारों के साथ मिलकर विश्व स्वास्थ्य संगठन काम कर रहा है।