देश में शिक्षा की ये हालत जानकर सन्न रह जाएंगे आप

Edited By ,Updated: 02 Jun, 2016 04:20 PM

you will be shocked to learn the condition of education in the country

बिहार में 12वीं क्लास के टॉपर्स के बारे में हुए खुलासे से इन दिनों शिक्षा की हालत पर चर्चा तेज हो गई है।

नई दिल्ली: बिहार में 12वीं क्लास के टॉपर्स के बारे में हुए खुलासे से इन दिनों शिक्षा की हालत पर चर्चा तेज हो गई है। हाालंकि हमें समझना होगा कि हमारे देश में छात्रों को दी जाने वाली शिक्षा के हालात क्या हैं। इसे समझने के लिए ‘असर’ की रिपोर्ट को देखते हैं।
 
्ररिपोर्ट के अनुसार...
-देश में पांचवीं क्लास के 52 फीसदी छात्र ऐसे हैं जो दूसरी क्लास की किताबें नहीं पढ़ पाते हैं।
-तीसरी क्लास में पढऩे वाले हर चार में से एक छात्र दो अंकों को जोड़ या घटा नहीं सकता।
-गांवों में 44 फीसदी से ज्यादा बच्चे गुणा-भाग नहीं कर पाते।
-पांचवीं क्लास में पढऩे वाले 75 फीसदी बच्चे अंग्रेजी नहीं पढ़ पाते।
-देश में 8,47,118 प्राइमरी स्कूल हैं। इनमें 26,84,194 छात्र पढ़ते हैं। 
-प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों के 5,86,000 पद खाली हैं।
 
हर दिन 25 फीसदी शिक्षक छुट्टी पर
-देश के 37 फीसदी स्कूलों में भाषा के एक भी शिक्षक नहीं हैं।
-31 फीसदी स्कूलों में सामाजिक विज्ञान के एक भी शिक्षक नहीं हैं।
-29 फीसदी स्कूलों में गणित और विज्ञान के एक भी शिक्षक नहीं हैं।
-सरकारी स्कूलों में हर दिन 25 फीसदी शिक्षक छुट्टी पर होते हैं।
 
पांच में से एक ही शिक्षक पूरी तरह ट्रेंड
-भारत में हर पांच में से सिर्फ एक शिक्षक ही मुश्किल से पूरी तरह ट्रेंड होता है।
-देश के प्राइमरी स्कूलों में 4 लाख 50 हजार अनट्रेंड शिक्षक हैं।
-सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक देश के 3680 सरकारी स्कूलों में बच्चे बिना ब्लैक बोर्ड के पढऩे पर मजबूर हैं।
-देश में 20 फिसदी शिक्षक अयोग्य हैं, जो बच्चों को पढ़ाने लायक नहीं हैं।
 
भारत में 28.7 करोड़ लोग अनपढ़
-भारत में 28.7 करोड़ लोग पढ़ लिख नहीं सकते। ये संख्या कई देशों की जनसंख्या से 10 गुणा ज्यादा है।
-दुनिया के 37 फीसद अनपढ़ लोग भारत में रहते हैं।
-7.1 फीसदी बच्चे आठवीं से पहले ही स्कूल छोड़ देते हैं।
-भारत में 15 से 25 साल के युवाओं में हर साल केवल 2 फीसदी युवा ही टेक्निकल शिक्षा ले पाते हैं। यानी 
10 सालों में भारतीय शिक्षा पर 5 लाख 86 हजार करोड़ से ज्यादा कि रकम खर्च की गई है।
 
शिक्षकों का है यह हाल
शिक्षकों का प्रदर्शन और भी बड़ी समस्या है। ्रस्श्वक्र की रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ चार फीसद शिक्षकों ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास की है और उत्तर प्रदेश तथा बिहार के चार में से तीन शिक्षक पांचवीं क्लास स्तर के प्रतिशत निकालने वाले सवाल तक हल नहीं कर पाए।
 
इन देशों से सीखें सबक
हमारे देश को चिली, सिंगापुर, स्वीडन, ब्राजील और पोलैंड के सबसे अच्छे तरीकों से सीखना चाहिए। इनमें से कुछ देशों के साथ वही समस्या थी जो हमारे साथ है। लेकिन अपनी शिक्षा व्यवस्थाओं में सुधार के लिए बड़ी ऊर्जा का निवेश कर उन्होंने अपनी समस्याओं का समाधान कर लिया है।

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