कोरोना ने बिगाड़ी शिक्षा व्यवस्था, स्कूल बंद होने से 80 फीसदी बच्चों के सीखने पर पड़ा असर

Edited By rajesh kumar,Updated: 10 Sep, 2021 12:31 PM

school closure affected 80 percent of children s learning

कोरोना महामारी के दौर में देश में स्कूलों के बंद होने से 14 से 18 वर्ष आयुवर्ग के करीब 80 फीसदी बच्चों के सीखने पर असर पड़ा है। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के एक शोध अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है।

एजुकेशन डेस्क: कोरोना महामारी के दौर में देश में स्कूलों के बंद होने से 14 से 18 वर्ष आयुवर्ग के करीब 80 फीसदी बच्चों के सीखने पर असर पड़ा है। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के एक शोध अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है। अध्ययन में कोरोना काल में स्कूलों के बंद होने के दौरान बच्चों में सीखने के असर का आकलन किया गया , जिसमें ज्यादातर छात्रों और उनके अभिभावकों माता-पिता ने माना कि बच्चों ने महामारी से पहले की तुलना में काफी कम सीखा है। अध्ययन में कहा गया है कि कोविड-19 के दौर में स्कूली शिक्षा ऑनलाइन हो गयी।

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इन बच्चों की पढ़ाई पर पड़ा असर
ऑनलाइन कक्षाओं से उन बच्चों की पढ़ाई पर ज्यादा असर नहीं पड़ा जिनके अभिभावकों ने स्माटर्फोन की व्यवस्था की थी, लेकिन कम संसाधन वाले बच्चे इस व्यवस्था में पढ़ाई से वंचित हो गये। यूनिसेफ के मुताबिक सरकारों के महत्वपूर्ण प्रयासों के बावजूद कम कनेक्टिविटी और डिजिटल उपकरणों तक पहुंच न होने से दूरस्थ शिक्षा को शुरू करने के प्रयासों में बाधाएं आयी। यूनिसेफ इंडिया की अध्यक्ष डॉ यास्मीन अली ने देश में स्कूलों को फिर से खोलने को एक स्वागत योग्य कदम बताया और कहा कि स्कूल बच्चों के जीवन का केंद्रीय हिस्सा हैं और उन्हें प्राथमिकता के आधार पर फिर से खोला जाना चाहिए।

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स्कूलों को खोलना अच्छा कदम
उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 के कारण लंबे समय तक स्कूल बंद रहने से कई बच्चे सीखने, सामाजिक संपकर् और खेलने के समय से चूक गए हैं जो उनके समग्र विकास और भलाई के लिए आवश्यक हैं। भारत के राज्यों में स्कूलों का सुरक्षित और धीरे-धीरे फिर से खोलना एक स्वागत योग्य कदम है। क्योंकि बच्चे व्यक्तिगत रूप से सबसे अच्छा सीखते हैं और यह आगे सीखने के नुकसान को रोकने में मदद करेगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे पास बिहार जैसे राज्यों के उदाहरण हैं, जहां छात्रों के सीखने को बढ़ावा देने के लिए कई उपकरण खरीदे जा रहे हैं। अब समय है कि बच्चों को सीखने के केंद्र में वापस लाने के लिए योजना बनायी जाए और संरचनाओं को स्थापित किया जाये।''

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