Edited By ,Updated: 13 Jul, 2016 09:34 AM
1928 के एम्सटर्डम ओलिम्पिक के दौरान पहली बार ओलिम्पिक मशाल जलाई गई। इन खेलों के दौरान पहली बार प्रतिभागी टीमों के मार्च पास्ट की परंपरा शुरू ...
नई दिल्ली: 1928 के एम्सटर्डम ओलिम्पिक के दौरान पहली बार ओलिम्पिक मशाल जलाई गई। इन खेलों के दौरान पहली बार प्रतिभागी टीमों के मार्च पास्ट की परंपरा शुरू हुई जिसमें ग्रीस की टीम ने नेतृत्व किया और मेजबान टीम सबसे पीछे रही। 28 जुलाई से 12 अगस्त तक हुए इन खेलों में 46 देशों के 2883 खिलाडिय़ों ने 14 खेलों के
109 मुकाबलों में भाग लिया था।
भारतीय हॉकी टीम ने 1928 में पहली बार स्वर्ण पदक अपने नाम किया। 1928 से 1956 तक लगातार 6 ओलिम्पिक खेलों में स्वर्ण पदक जीत कर अपनी श्रेष्ठता दर्ज करवाई। मेजर ध्यान चंद अंतर्राष्ट्रीय हॉकी जगत के स्टार खिलाड़ी के रूप में सामने आए। यहीं से उन्हें हॉकी का जादूगर का नाम भी मिला।
इन खेलों के दौरान जिम्नास्टिक में पहली बार महिलाओं को शामिल किया गया था। सबसे छोटी आयु में पदक जीतने का श्रेय इटली की जिम्नास्ट लुइजीना जियावोटी के नाम है। रजत पदक जीतने के समय उसकी आयु 11 वर्ष 302 दिन थी। इन खेलों में सर्वोत्तम प्रदर्शन अमरीका का ही रहा। जर्मनी, फिनलैंड, स्वीडन व इटली को क्रमश: दूसरे से 5वें स्थान पर संतोष करना पड़ा।