आयात शुल्क मूल्य कम होने से सोयाबीन, पाम तेल में नरमी, सरसों वायदा नीचे होने से किसानों को नुकसान

Edited By PTI News Agency,Updated: 01 Apr, 2020 04:22 PM

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नयी दिल्ली, एक अप्रैल (भाषा) विदेशी बाजारों में नरमी के रुख के बीच बुधवार को स्थानीय तेल तिलहन बाजार में सोयाबीन, कच्चा पामतेल और पामोलीन के भाव में गिरावट रही। वहीं दूसरी तरफ सरसों वायदा भाव नीचे बोले जाने से किसानों के लिये लूज में सरसों का...

नयी दिल्ली, एक अप्रैल (भाषा) विदेशी बाजारों में नरमी के रुख के बीच बुधवार को स्थानीय तेल तिलहन बाजार में सोयाबीन, कच्चा पामतेल और पामोलीन के भाव में गिरावट रही। वहीं दूसरी तरफ सरसों वायदा भाव नीचे बोले जाने से किसानों के लिये लूज में सरसों का भाव 3,600 रुपये क्विंटल के आसपास पड़ता है जो कि रबी मौसम के न्यूनतम समर्थन मूल्य से 800 रुपये क्विंटल तक कम है।

बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी बाजारों में मंदी के रुख के बीच मंगलवार को कच्चा पामतेल, सोयाबीन और पामोलीन तेल का आयात शुल्क मूल्य कम करने से इन तेलों के भाव में नरमी आई। वैसे भी पूरी दुनिया में सीपीओ एवं पामोलीन की मांग नहीं है लेकिन भाव ऊंचे बोले जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि संभवत: लोगों में स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरुकता के कारण भी देशी हल्के तेलों की मांग बढ़ी है। सरसों, सोयाबीन और बिनौला हल्के तेल हैं, ये तेल जमते नहीं हैं।
उन्होंने बताया कि सीपीओ के आयात शुल्क मूल्य में 256 रुपये, सोयाबीन में 245 रुपये और पामोलीन तेल में 300 रुपये क्विन्टल की कमी की गई है।

सूत्रों ने कहा कि एक अप्रैल से सरसों का नया बढ़ा हुआ न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) लागू हो गया है। रबी मौसम के लिये सरसों का एमएसपी 4,425 रुपये क्विन्टल घोषित किया गया है। इस पर वारदाना और मंडी शुल्क अलग से लगता है।

बाजार सूत्रों का कहना है कि सरसों की ताजा आवक के बीच वायदा कारोबार में सट्टेबाज सरसों के मई और जून अनुबंध का भाव 4,025 रुपये क्विन्टल लगा रहे हैं। इस भाव में वारदाना, मंडी शुल्क और 42 प्रतिशत कंडीशन की शर्त को ध्यान में रखते हुये किसानों को मात्र 3,600- 3,700 रुपये का ही भाव मिल पायेगा। किसानों को प्रति क्विन्टल सरसों लूज के उत्पादन पर औसतन लगभग 4,100 रुपये की लागत आती है। जबकि वायदा कारोबार में किसानों को लूज में सरसों 3,600 रुपय के भाव पड़ती है।
कारोबार सूत्रों का मानना है कि सरकार को इस बात की जांच करानी चाहिये कि किसानों को 3,600 रुपये क्विंटल पर सरसों बेचने के लिये कौन मजबूर कर रहा है। जबकि समर्थन मूलय 4,225 रुपये क्विंटल तय किया गया है।
बुधवार को भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)
सरसों तिलहन - 4,175 - 4,225 रुपये।

मूंगफली दाना - 4,800 - 4,825 रुपये।

वनस्पति घी- 1,015 - 1,215 रुपये प्रति टिन।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 12,800 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 1,920 - 1,965 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 8,750 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,355 - 1,505 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,405 - 1,550 रुपये प्रति टिन।

तिल मिल डिलिवरी तेल- 10,500 - 15,000 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 9,000 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 8,600 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम- 7,850 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 6,450 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 7,900 रुपये।

पामोलीन आरबीडी दिल्ली- 8,200 रुपये।

पामोलीन कांडला- 7,400 रुपये (बिना जीएसटी के)।

सोयाबीन तिलहन डिलिवरी भाव 3,900- 4,000 लूज में 3,700--3,750 रुपये।

मक्का खल - 3,380 रुपये


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