Edited By PTI News Agency,Updated: 25 Jan, 2021 09:21 PM
नयी दिल्ली, 25 जनवरी (भाषा) सरकार प्रदूषण पर लगाम लगाने तथा पर्यावरण की रक्षा करने के लिये शीघ्र ही पुराने वाहनों पर हरित कर लगाने की तैयारी में है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सोमवार को इसकी जानकारी दी।
नयी दिल्ली, 25 जनवरी (भाषा) सरकार प्रदूषण पर लगाम लगाने तथा पर्यावरण की रक्षा करने के लिये शीघ्र ही पुराने वाहनों पर हरित कर लगाने की तैयारी में है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सोमवार को इसकी जानकारी दी।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड, इलेक्ट्रिक वाहनों तथा सीएनजी, इथेनॉल व एलपीजी जैसे वैकल्पिक ईंधनों पर चलने वाले वाहनों को इस कर के दायरे से बाहर रखा जायेगा। अन्य वाहनों से होने वाली कर वसूली का इस्तेमाल प्रदूषण कम करने में किया जायेगा।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने प्रदूषण फैला रहे पुराने वाहनों पर हरित कर लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।’’
मंत्रालय ने कहा कि इसे अंतिम रूप से अधिसूचित करने से पहले राज्यों के पास परामर्श के लिये भेजा जायेगा।
योजना के तहत, आठ साल से अधिक पुराने परिवहन वाहनों पर फिटनेस प्रमाणपत्र के नवीनीकरण के समय सड़क कर के 10 से 25 प्रतिशत की दर से हरित कर वसूला जा सकता है।
बयान में कहा, ‘‘15 साल के बाद पंजीयन प्रमाणपत्र के नवीनीकरण के समय व्यक्तिगत वाहनों पर हरित कर वसूला जायेगा। सिटी बसों जैसे सार्वजनिक परिवहन वाहनों पर कम दर से हरित कर वसूला जायेगा। अधिक प्रदूषित शहरों में पंजीकृत वाहनों पर अधिक दर से कर लग सकता है, जो सड़क कर का पचास प्रतिशत तक हो सकता है।’’
वाहनों के प्रकार तथा ईंधन के प्रकार के आधार पर अलग-अलग कर लगाया जा सकता है।
बयान में कहा गया कि स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड, इलेक्ट्रिक वाहनों तथा सीएनजी, इथेनॉल व एलपीजी जैसे वैकल्पिक ईंधनों पर चलने वाले वाहनों के साथ ही ट्रैक्टर, हार्वेस्टर और टिलर जैसे कृषि में इस्तेमाल होने वाले वाहनों को भी इस कर के दायरे से बाहर रखा जायेगा।
मंत्रालय के अनुसार, इस कर से प्राप्त राजस्व को अलग खाते में रखा जायेगा। इस राशि का इस्तेमाल प्रदूषण की समस्या से निजात पाने में किया जायेगा।
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