अदालत ने आतंकवाद के वित्त पोषण मामले में यासीन मलिक को दोषी ठहराया

Edited By PTI News Agency,Updated: 19 May, 2022 07:56 PM

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नयी दिल्ली, 19 मई (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने आतंकवाद के वित्त पोषण मामले में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत लगाए गए आरोप समेत सभी आरोपों को स्वीकार करने वाले कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को बृहस्पतिवार को दोषी करार...

नयी दिल्ली, 19 मई (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने आतंकवाद के वित्त पोषण मामले में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत लगाए गए आरोप समेत सभी आरोपों को स्वीकार करने वाले कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को बृहस्पतिवार को दोषी करार दिया।

विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के अधिकारियों को मलिक पर जुर्माना लगाए जाने के लिए उसकी वित्तीय स्थिति का आकलन करने के निर्देश दिए और सजा की अवधि पर दलीलों के लिए मामले की सुनवाई के वास्ते 25 मई की तारीख तय की।

मलिक ने अदालत में कहा था कि वह खुद के खिलाफ लगाए आरोपों का विरोध नहीं करता। इन आरोपों में यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी कृत्य), 17 (आतंकवादी कृत्यों के लिए धन जुटाना), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश) और धारा 20 (आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होना) तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक षडयंत्र) और 124-ए (राजद्रोह) शामिल हैं।

अदालत ने पूर्व में, फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मसरत आलम, मोहम्मद युसूफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा मेहराजुद्दीन कलवल, बशीर अहमद भट, जहूर अहमद शाह वटाली, शब्बीर अहमद शाह, अब्दुल राशिद शेख तथा नवल किशोर कपूर समेत कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ औपचारिक रूप से आरोप तय किए थे।

लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ भी आरोपपत्र दाखिल किया गया, जिन्हें मामले में घोषित अपराधी बताया गया है।

यह मामला हाफिज सईद और हुर्रियत कांफ्रेंस के सदस्यों सहित अलगवावादी नेताओं की कथित साजिश से संबद्ध है, जिन्होंने प्रतिबंधित आतंकी संगठन - हिजबुल मुजाहिदीन, दुख्तारन ए मिल्लत, लश्कर ए तैयबा - और अन्य के सक्रिय सदस्यों के साथ हवाला सहित विभिन्न अवैध माध्यमों से देश-विदेश से धन जुटाने की साजिश रची थी।
यह धन जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों और कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों पर पथराव करने, स्कूलों को जलाने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के कृत्य के लिए था।

एनएआई के मुताबिक, जांच से यह स्थापित हुआ है कि यासिन मलिक जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) का प्रमुख था और वह जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिवधियों में संलिप्त था।
मामले में शेष आरोपियों के खिलाफ सुनवाई जारी है।


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