संसदीय समिति ने सीबीआई के अधिकारों, कार्यों को परिभाषित करने के लिए नये कानून की सिफारिश की

Edited By Updated: 23 Mar, 2023 05:58 PM

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नयी दिल्ली, 23 मार्च (भाषा) कई राज्यों द्वारा सीबीआई जांच के लिए सामान्य सहमति वापस लेने का उल्लेख करते हुए एक संसदीय समिति ने कहा है कि संघीय जांच एजेंसी को नियंत्रित करने वाले मौजूदा कानून की ‘कई सीमाएं’ हैं और इसकी स्थिति, कार्यों और...

नयी दिल्ली, 23 मार्च (भाषा) कई राज्यों द्वारा सीबीआई जांच के लिए सामान्य सहमति वापस लेने का उल्लेख करते हुए एक संसदीय समिति ने कहा है कि संघीय जांच एजेंसी को नियंत्रित करने वाले मौजूदा कानून की ‘कई सीमाएं’ हैं और इसकी स्थिति, कार्यों और शक्तियों को परिभाषित करने के लिए एक नया कानून बनाने की आवश्यकता है।

संघीय जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की स्थापना 1963 में हुई थी। यह दिल्ली विशेष पुलिस संस्थापन (डीएसपीई) अधिनियम से संचालित होती है।
संसद की कार्मिक, लोक शिकायत, विधि एवं न्याय पर विभाग संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने कहा कि सीबीआई द्वारा किसी भी जांच के लिए राज्य सरकार की सहमति पूर्व शर्त है और अब तक नौ राज्य सामान्य सहमति वापस ले चुके हैं।

उसने कहा, ‘‘समिति का मानना है कि दिल्ली विशेष पुलिस संस्थापन अधिनियम में अनेक सीमाएं हैं और इसलिए वह सिफारिश करती है कि एक नया कानून बनाना और सीबीआई के कार्यों एवं अधिकारों को परिभाषित करना जरूरी है।

समिति ने कहा कि सीबीआई में खाली पदों को जरूरी गति से नहीं भरा जा रहा। उसने सिफारिश की है कि रिक्तियों को जल्द से जल्द भरने के लिए समस्त प्रयास किये जाने चाहिए।

सीबीआई में कुल स्वीकृत पदों की संख्या 7,295 है और कुल 1,709 पद खाली हैं।

समिति ने यह भी सिफारिश की है कि सीबीआई निदेशक को रिक्तियों को भरने में हुई प्रगति पर तिमाही आधार पर निगरानी रखनी चाहिए और जरूरी कदम उठाने चाहिए ताकि संगठन में पर्याप्त कर्मी हों।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
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