ऋषिकेश एम्स ने गजब कर दिया, पहली बार रोबोटिक सर्जरी से किया लिवर कैंसर का इलाज

Edited By Pardeep,Updated: 27 Feb, 2024 10:17 PM

liver cancer treated with robotic surgery for the first time

उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने मंगलवार को एक असंभव कार्य कर, चिकित्सा क्षेत्र में एक नई इबारत लिख दी। उन्होंने पहली बार उत्तराखंड में किसी मरीज के लीवर में बने ट्यूमर के इलाज के लिए...

नेशनल डेस्कः उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने मंगलवार को एक असंभव कार्य कर, चिकित्सा क्षेत्र में एक नई इबारत लिख दी। उन्होंने पहली बार उत्तराखंड में किसी मरीज के लीवर में बने ट्यूमर के इलाज के लिए रोबोटिक सर्जरी तकनीक का उपयोग किया है। 

वरिष्ठ सर्जन व हेड डॉ. निर्झर राज ने मंगलवार को बताया कि राज्य के रूद्रप्रयाग जनपद के दरमोला गांव निवासी 34 वर्षीय लक्ष्मण सिंह पिछले तीन महीने से बुखार से ग्रसित थे। उन्होंने सर्जिकल गैस्ट्रो एंट्रोलॉजी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सुनीता सुमन के हवाले से बताया कि ओपीडी के माध्यम से हुई विभिन्न जांचों के आधार पर रोगी को पता चला कि वह लीवर कैंसर से संबंधित दुर्लभ बीमारी ‘लीवर मैलिग्नेंट मेसेनकाइमल ट्यूमर' से ग्रसित है। कैंसर का यह रूप खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका था। यह एक जीवनघातक बीमारी होती है और इसकी वजह से लीवर में एक गांठ बन जाती है। 

डॉ राज बीमारी की गंभीरता को देखते हुए रोगी को त्वरित आराम दिलाने के लिए लीवर रिसेक्शन सर्जरी आवश्यक लगी। उन्होंने बताया कि पहले रोबोटिक सहायता से रोगी की राइट पोस्टीरियर सेक्शनेक्टॉमी की गई। इस प्रक्रिया द्वारा कैंसर से प्रभावित लीवर के लगभग 35 प्रतिशत हिस्से को सावधानीपूर्वक अलग किया गया। 

सर्जरी करने वाली टीम के दूसरे सदस्य और विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. लोकेश अरोड़ा ने प्रमुख रक्त वाहिकाओं के आपस में बहुत निकट होने के कारण लिवर रिसेक्शन सर्जरी में आवश्यक सटीकता के बारे में बताया और कहा कि रोबोटिक तकनीक से की जाने वाली सर्जरी द्वारा आस-पास के अंगों को नुकसान पहुंचने की आशंका बहुत कम होती है। उन्होंने बताया कि यह बहुत कठिन था, लेकिन टीम वकर् से की गई यह सर्जरी पूर्ण रूप से सफल रही। 

एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर(डॉ) मीनू सिंह ने इस सफल सर्जरी के लिए सर्जिकल टीम की दक्षता की सराहना करते हुए कहा कि स्वास्थ्य देखभाल में यह सर्जरी एम्स ऋषिकेश की उत्कृष्टता का प्रमाण है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक आयुष्मान काडर्धारक और गरीब व्यक्ति को भी एम्स द्वारा विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। 

चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर आर.बी. कालिया ने बताया कि लीवर रिसेक्शन सर्जरी की सफलता में हमारे चिकित्सकों की टीम ने जोखिम की चुनौती को स्वीकार करते हुए असाधारण कौशल और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है। सर्जरी करने वाली इस टीम में विभाग के प्रमुख डॉ. निर्झर राज के अलावा, डॉ. लोकेश अरोड़ा, डॉ. सुनीता सुमन, एनेस्थीसिया विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रूमा, डॉ. रामानंद, डॉ. दीक्षित, डॉ. नीरज यादव, डॉ. विनय, डॉ. अजहर के अलावा एस.एन.ओ. सुरेश, एन.ओ. मनीष, रितेश, मोहित, हसन, पूजा आदि नर्सिंग स्टाफ शामिल थे। 

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