Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Mar, 2018 07:00 PM
बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने किसानों की खराब आर्थिक स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सात से आठ प्रतिशत किसानों को ही उनकी फसल का उचित मूल्य मिल पा रहा है। सत्यपाल मलिक ने चम्पारण एग्रेरियन बिल 1918 की शतवार्षिकी पर आयोजित राष्ट्रीय...
पटनाः बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने किसानों की खराब आर्थिक स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सात से आठ प्रतिशत किसानों को ही उनकी फसल का उचित मूल्य मिल पा रहा है। सत्यपाल मलिक ने चम्पारण एग्रेरियन बिल 1918 की शतवार्षिकी पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का बिहार विधान परिषद् के उपभवन सभागार में उद्घाटन करने के बाद कहा कि आज भी किसानों की माली हालत काफी खराब है। उन्होंने कहा कि बमुश्किल सात से आठ प्रतिशत किसानों को ही उनकी फसलों का सही मूल्य मिल पा रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि बाजार के दबाव में किसानों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो रही है। भारतीय किसान दिन-ब-दिन गरीब हो रहे हैं, उनकी क्रय-क्षमता में कमी आ रही है। ऐसी स्थिति में आवश्यक है कि किसानों को उनकी पैदावार का समुचित मूल्य दिलाने का प्रयास किया जाए। राज्यपाल ने कृषि विकास के लिए बिहार सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि सरकार ने सफलतापूर्वक दो कृषि-रोडमैपों का क्रियान्वयन किया है। तीसरे कृषि रोडमैप के क्रियान्वयन से समेकित कृषि को बढ़ावा मिलेगा, कृषि उत्पादकता बढ़ेगी और किसानों को भी उनकी फसलों का समुचित मूल्य उपलब्ध हो सकेगा।
मलिक ने कहा कि चम्पारण सत्याग्रह ने मोहनदास करमचन्द गांधी को महात्मा गांधी बनाकर स्वतंत्रता आन्दोलन में ख्याति और प्रसिद्धि दिलाई थी। कार्यक्रम को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, राज्यसभा सांसद हरिवंश, प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक रजी अहमद, गांधीवादी चिन्तक और आईटीएम विश्वविद्यालय, ग्वालियर के कुलाधिपति रमाशंकर सिंह ने भी संबोधित किया।