चारों ओर अफोर्डेबल हाऊसिंग का बोलबाला

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Oct, 2017 12:59 PM

affordable housing is famous all around

देश में आवासों की लगातार बढ़ती आवश्यकता तथा आपूर्ति में कमी को देखते हुए भारत सरकार ने 2015 में ‘2022 तक सभी के लिए आवास’ योजना की घोषणा की थी। इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए 1.9 करोड़ से ज्यादा मकानों की जरूरत होगी। इनमें से 96...

जालंधरः देश में आवासों की लगातार बढ़ती आवश्यकता तथा आपूर्ति में कमी को देखते हुए भारत सरकार ने 2015 में ‘2022 तक सभी के लिए आवास’ योजना की घोषणा की थी। इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए 1.9 करोड़ से ज्यादा मकानों की जरूरत होगी। इनमें से 96 प्रतिशत की जरूरत लोअर इन्कम ग्रुप (एल.आई.जी.) तथा इकोनोमिकली वीकर सैक्शन्स (ई.डब्ल्यू.एस.) के लिए होगी। अफोर्डेबल हाऊसिंग यानी किफायती कीमतों वाले आवासों की मांग तथा आपूर्ति में विशाल अंतर को न केवल कम कर सकती है परंतु यह विकास की रफ्तार को बढ़ाने का काम भी करेगी, क्योंकि इससे 20 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

किफायती आवासों के लिए छूट प्रदान 
देश में किफायती आवासों की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने कई तरह की छूट प्रदान की है। किफायती आवासों के निर्माण में तेजी लाने के लिए सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र की भागीदारी को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस वर्ष के बजट में 5 वर्ष के लिए डिवैल्पर्स को किफायती वर्ग के आवासों से होने वाले मुनाफे पर टैक्स अदा करने से छूट दी गई है। साथ ही किफायती आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने की समय सीमा को भी 3 वर्ष से बढ़ा कर 5 वर्ष कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बजट को 2016-17 के 15 हजार करोड़ रुपए से बढ़ा कर 2017-18 के लिए 23 हजार करोड़ रुपए कर दिया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सहयोगी नैशनल हाऊसिंग बैंक ने घोषणा की है कि वह वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 20 हजार करोड़ रुपए के व्यक्तिगत हाऊसिंग लोन्स को रीफाइनांस करेगा। 2017-18 के आम बजट में अफोर्डेबल हाऊसिंग को इंफ्रास्ट्रक्चर स्टेटस भी दे दिया गया है। अब डिवैल्पर्स के पास फंडिंग के लिए सस्ते विकल्प तथा स्रोत उपलब्ध हैं।

वित्तीय सहयोग तथा छूट
किफायती आवासों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने कई वित्तीय योजनाओं की घोषणा भी की है। 15 वर्ष की अवधि तथा 6 लाख रुपए तक के होम लोन के ब्याज में 6.5 प्रतिशत छूट दी जा रही है। ई.डब्ल्यू.एस. तथा एल.आई.जी. वर्ग के तहत आने वाले हर लाभार्थी को डेढ़ लाख रुपए तक की सरकारी सहायता भी दी जा रही है। 9 लाख रुपए तक के होम लोन के ब्याज पर 4 प्रतिशत तथा 12 लाख रुपए तक के होम लोन पर ब्याज में 3 प्रतिशत की छूट है। कई राज्यों में स्टैम्प ड्यूटी शुल्क में भी छूट दी जा रही है। प्रतिवर्ष 6 से 18 लाख रुपए आय वाले मिडल इन्कम ग्रुप (एम.आई.जी.) के खरीदार भी होम लोन के ब्याज में छूट के योग्य हैं। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!