RBI: 2005 से पहले के नोट जमा करने से मना नहीं कर सकते बैंक

Edited By ,Updated: 20 Dec, 2016 11:52 AM

bank cannot refuse to take notes before 2005

रिजर्व बैंक ने सोमवार (19 दिसंबर) को कहा कि बैंक ग्राहकों को 500 और 1,000 रुपए के अमान्य नोटों के साथ साथ वर्ष 2005 से पहले छपी मुद्रा को जमा करने से इनकार नहीं कर सकते।

नई दिल्लीः रिजर्व बैंक ने सोमवार (19 दिसंबर) को कहा कि बैंक ग्राहकों को 500 और 1,000 रुपए के अमान्य नोटों के साथ साथ वर्ष 2005 से पहले छपी मुद्रा को जमा करने से इनकार नहीं कर सकते। केंद्रीय बैंक ने स्पष्टीकरण में कहा कि विशिष्ट बैंक नोट (एसबीएन) में 2005 से पहले छापे गए 500 और 1,000 रुपए के नोट भी शामिल हैं।

रिजर्व बैंक ने कहा, ‘बैंकों को योजना के तहत वर्ष 2005 से पहले छपे 500 और 1,000 रुपए के नोट केवल जमा के रूप में स्वीकार करने चाहिए और उन्हें इसे दोबारा जारी नहीं करना चाहिए। इन नोटों को केवल रिजर्व बैंक के कार्यालयों में ही बदला जा सकता है।’ केंद्रीय बैंक ने कहा कि उसे देश भर से लोगों से शिकायतें मिल रही हैं कि बैंक 2005 से पहले के नोट स्वीकार नहीं कर रहे। सरकार ने कालाधन पर अंकुश लगाने तथा अघोषित आय को बैंकों में लाने के इरादे से नौ नवंबर 2016 से 500 और 1,000 रुपए के नोटों पर पाबंदी लगाई है।

रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया, ‘लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि बैंक 2005 से पहले के नोटों को जनता से उनके खातों में जमा करने के लिए स्वीकार ही नहीं करेंगे।’ केंद्रीय बैंक जनवरी 2014 से 2005 से पहले छापे गए नोटों को वापस ले रहा है और इन नोटों का बड़ा हिस्सा पहले ही वापस लिया जा चुका है। केन्द्रीय बैंक ने कहा, हालांकि, 2005 से पहले के नोट को वापस ले लिया गया है, पर वे अभी भी कानूनी रूप से वैध मुद्रा बनी हुई है।

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