बैंकों को बजट में बड़े सुधारों की उम्मीद: सर्वे

Edited By ,Updated: 29 Jan, 2017 07:18 PM

banks eyeing big ticket reforms in budget  survey

बैंकों को उम्मीद है कि वित्त मंत्री अरुण जेतली वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में क्षेत्र के कई उपायों की घोषणा करेंगे। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की

नई दिल्लीः बैंकों को उम्मीद है कि वित्त मंत्री अरुण जेतली वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में क्षेत्र के कई उपायों की घोषणा करेंगे। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को बढ़ाकर 49 प्रतिशत करना और ऋण वृद्धि को प्रोत्साहन को बैंकों में और पूंजी डालने जैसे उपाय शामिल हैं।   

फिक्की-आईबीए के बैंकरों पर सर्वेक्षण में कहा गया है कि नोटबंदी के बाद नकदी संकट की वजह से बैंकों की ऋण की मांग नीचे आई है। इसमें सार्वजनिक, निजी और विदेशी बैंकों सहित 17 बैंकों को शामिल किया गया, जो कुल उद्योग की परिसंपत्ति के लिहाज से 52 प्रतिशत बैठता है।   

सर्वेक्षण में शामिल कई लोगों की राय थी कि अगले 3 से 6 महीने में आर्थिक गतिविधियां रफ्तार पकडेंगी जिससे ऋण की मांग सुधरेगी। वहीं दूसरी आेर नकद जमा बढऩे से सर्वेक्षण में शामिल 82 प्रतिशत बैंकों की कम लागत की कासा जमा में जुलाई-दिसंबर की अवधि में बढ़ौतरी हुई है। वास्तव में 53 प्रतिशत बैंकों की कासा जमा में नोटबंदी के बाद उल्लेखनीय इजाफा हुआ है।   

ज्यादातर बैंकों का मानना है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में विदेशी निवेश की सीमा को मौजूदा 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने से उन्हें और पूंजी जुटाने में मदद मिलेगी और वे बासेल 3 नियमों के तहत अपनी पूंजी की जरूरत को पूरा कर सकेंगे।   बैंकों को उम्मीद है कि सरकार बजट में कॉरपोरेट कर और व्यक्तिगत आयकर में कटौती कर उपभोग मांग और निवेश को प्रोत्साहन देगी। सरकार का जोर कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था पर है। एेसे में बैंकों को उम्मीद है कि डिजिटल लेनदेन पर प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसमें उपभोक्ताओं के साथ दुकानदारों को भी लाभ दिया जाएगा।  

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