Edited By ,Updated: 18 Apr, 2017 09:46 AM
सरकार आई-टी रिटर्न न भरने वाली कंपनियों के खिलाफ किसी भी प्रकार की ढील बरतने के मूड में नहीं है।
नई दिल्लीः सरकार आई-टी रिटर्न न भरने वाली कंपनियों के खिलाफ किसी भी प्रकार की ढील बरतने के मूड में नहीं है। ऐसी करीब चार लाख कंपनियां हैं जिनका आई-टी रिटर्न नहीं भरने की वजह से रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा सकता है।
कंपनियों ने 3 वित्त वर्षों से नहीं फाइल किया रिटर्न
सरकार की फर्जी कपंनियों के विरुद्ध की जा रही कार्रवाई के तहत 11 लाख सक्रिय भारतीय कंपनियों में से एक तिहाई से अधिक कंपनियां हैं जिनके ऊपर तलवार लटकी हुई है। इन कंपनियों ने पिछले तीन वित्तीय वर्षों से अपना रिटर्न फाइल नहीं किया है। जानकारी के मुतबाकि, 2013-14 और 2014-15 में रिटर्न फाइल करने में असफल रहीं चार लाख से अधिक कंपनियों को पिछले महीने से नोटिस भेजा जा रहा है, इन कंपनियों ने 2015-16 के वित्तीय वर्ष में भी अपना रिटर्न नहीं भरा।
रिटर्न फाइल करने के लिए 30 दिनों का समय
हालांकि, रिटर्न फाइल करने का समय पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। अभी भी कंपनियों को रिटर्न फाइल करने के लिए 30 दिनों का समय दिया जा रहा है। इस बार असफल रहने पर सरकार इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। इसके बाद कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय (एम.सी.ए.) उनके नाम सार्वजनिक कर देगा। साथ ही कंपनियों और उनके निदेशकों की जानकारी आयकर विभाग, बैंक और भारतीय रिजर्व बैंक से भी साझा करेगा। एम.सी.ए. द्वारा शुरू की गई कार्रवाई को सही ठहराते हुए सूत्रों ने बताया कि हमें नहीं पता है कि ये कंपनियां वाकई कोई बिजनेस करती हैं या सिर्फ कागजों पर हैं। सबसे पहले हमें उनकी स्थिति जानने की जरूरत है।