एसोचैम ने की मांग, बजट में शिक्षा क्षेत्र का रखा जाए खास ख्याल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jan, 2018 12:50 PM

education sector should be specially cared in budget 2018

भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (एसोचैम) ने आगामी आम बजट 2018 में शिक्षा क्षेत्र के लिए ज्यादा खर्च और उच्च शिक्षा को वस्तु एवं सेवाकर (जी.एस.टी.) के दायरे से बाहर रखने की मांग की है।

नई दिल्लीः भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (एसोचैम) ने आगामी आम बजट 2018 में शिक्षा क्षेत्र के लिए ज्यादा खर्च और उच्च शिक्षा को वस्तु एवं सेवाकर (जी.एस.टी.) के दायरे से बाहर रखने की मांग की है।

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को लिखे गए पत्र में उद्योग मंडल ने तर्क दिया है कि बाहरी राज्य नियमनों और कैंपस के भीतर उपद्रवों के जोखिमों को देखते हुए उच्च शिक्षा संस्थान न तो नए कर बोझ को वहन कर सकते हैं और न ही इसके एवज में वो फीस में इजाफा कर सकते हैं। देशभर में जीएसटी लागू होने के बाद यह पहला आम बजट होगा। अब समय आ गया है कि शिक्षा क्षेत्र में बार बार संशोधन के चलते आ रही दिक्कतों को ठीक किया जाए।

शिक्षा क्षेत्र की मांगें
एसोचैम ने पत्र में लिखा है कि इसमें आखिरी बार संशोधन मार्च 2017 में किया गया था। इनमें उच्च शैक्षिक संस्थानों के लिए लिस्टेड सर्विसेज के लिए टैक्स में रियायत मना कर दी गई थी। इस फैसले को तुरंत प्रभाव से वापस लेने की जरूरत है और उच्च शिक्षा संस्थानों में हो रहे अस्थिर भेदभाव को खत्म करना होगा। इसके अलावा शैक्षणिक संस्थानों की बिल्डिंग निर्माण, रख रखाव और मरम्मत को कर छूट के दायरे से बाहर लाया जाना चाहिए। साथ ही इस बार के बजट में शिक्षा क्षेत्र को अतिरिक्त आवंटन होना चाहिए। इस समय सबसे ज्यादा जरूरत हर स्तर की शिक्षा में सार्वजनिक खर्चों को बढ़ाने की है जिसमें स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय और एडवांस्ड रिसर्च संस्थान शामिल हैं।

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