रिटर्न फाइल करने जा रहें हैं तो ऐसे भरें GSTR-3B रिटर्न

Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Aug, 2017 10:31 AM

fill such gstr 3b returns

जी.एस.टी. के तहत पंजीकृत सामान्य करदाता (कंपोजिट डीलर को छोड़कर) को महीने में 3 रिटर्न...

जालंधरः जी.एस.टी. के तहत पंजीकृत सामान्य करदाता (कंपोजिट डीलर को छोड़कर) को महीने में 3 रिटर्न फाइल करनी जरूरी हैं। पहली रिटर्न जी.एस.टी.आर.-1 है जो बिक्री की रिटर्न है। यह रिटर्न महीना खत्म होने के बाद 10 दिन के भीतर फाइल की जानी जरूरी है, यानी जुलाई की रिटर्न आपको 10 अगस्त तक फाइल करनी है। इसी प्रकार जी.एस.टी.आर.-2 रिटर्न यानी खरीद की रिटर्न आपको महीना खत्म होने के 15 दिन के भीतर फाइल करनी है यानी जुलाई की रिटर्न आपको यह 15 अगस्त तक फाइल करनी होगी। तीसरी रिटर्न जी.एस.टी.आर.-3 है। यह फाइनल रिटर्न है। इसमें खरीद और बिक्री के बीच के अंतर पर लगने वाला जी.एस.टी. निकाल कर रिटर्न फाइल करनी पड़ेगी और कर अदा करना पड़ेगा। महीना खत्म होने के 20 दिन के भीतर फाइल करनी पड़ेगी, यानी जुलाई की रिटर्न 20 अगस्त तक फाइल होगी।

रिटर्न की सामान्य तिथियां
जी.एस.टी.आर.-1 
(बिक्री की रिटर्न)
महीना खत्म होने के 10 दिन के भीतर 
जी.एस.टी.आर.-2 
(खरीद की रिटर्न)
महीना खत्म होने के 15 दिन के भीतर 
जी.एस.टी.आर.-3 
(फाइनल रिटर्न)
महीना खत्म होने के 20 दिन के भीतर
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2 महीने के लिए रिटर्न की यह तिथियां
सरकार की अपनी तैयारी अधूरी होने के कारण फिलहाल सरकार ने इन रिटन्र्स की तिथि बढ़ा दी है। सरकार ने जुलाई और अगस्त महीने की रिटर्न की तिथि में कारोबारियों को राहत दी है। नए नियम के अनुसार इन दोनों महीनों की रिटर्न अब आपको सितम्बर महीने में ही दायर करनी पड़ेगी। नई तिथियां इस तरह से हैं -

महीना-जुलाई 
जी.एस.टी.आर.-1-5 सितम्बर 
जी.एस.टी.आर.-2-10 सितम्बर 
जी.एस.टी.आर.-3-15 सितम्बर

महीना-अगस्त 
जी.एस.टी.आर.-1-20 सितम्बर 
जी.एस.टी.आर.-2-25  सितम्बर 
जी.एस.टी.आर.-3-30  सितम्बर

2 महीने के लिए जी.एस.टी. 3बी का मिला विकल्प
सरकार ने यह प्रावधान रखा है कि जब भी रिटर्न फाइल करने की तिथि बढ़ाई जाएगी तो कारोबारियों को सामान्य तौर पर फाइल की जाने वाली 3 रिटर्नों के अलावा जी.एस.टी.आर.-3-बी. भी फाइल करनी पड़ेगी। यह रिटर्न आपकी सेल और परचेज की समरी होगी, यानी इसमें खरीदा गया कुल माल और उस पर लगने वाला टैक्स, बेचा गया माल और उस पर लगने वाले टैक्स के अलावा रिवर्स चार्ज में खरीदा गया माल और उस पर लगने वाले टैक्स के साथ-साथ जी.एस.टी. के दायरे से बाहर रखे गए सामान की पूरी जानकारी देनी होगी।

क्या जानकारी देनी होगी 
जी.एस.टी. आर. 3-बी आपका कारोबारी लेन-देन का महीने भर का सार है। इसमें आपको बेचे गए सामान की कुल कीमत व उस पर अलग-अलग रूप से बनता आई.जी.एस.टी., सी.जी.एस.टी., एस.जी.एस.टी. और सैस अलग-अलग दिखाना होगा। इसके अलावा जीरो रेटिड सप्लाई, निल और टैक्स के दायरे से बाहर बेचे गए सामान की जानकारी भी देनी होगी और रिवर्स चार्ज में खरीदा गया सामान, उसकी कुल कीमत और उस पर बनते अलग-अलग टैक्स को जोड़ कर आपकी टोटल बिक्री और उस पर बनते टैक्स की गणना हो जाएगी। इसके बाद आपको खरीदे गए सामान की जानकारी देनी होगी जिसका आपको क्रैडिट मिलेगा। इसमें से आपको इन-इलिजिबल इनपुट टैक्स क्रैडिट रिवर्स करने होंगे, उसके बाद आपका कुल देय टैक्स निकलेगा जो आपको जमा करवाना होगा और उसकी डिटेल जी.एस.टी.आर,-3-बी. रिटर्न में भरनी होगी। 

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