Edited By ,Updated: 17 Apr, 2017 12:01 PM
धरना प्रदर्शन के बाद आखिरकार पुलिस ने जेपी ग्रुप के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इस ग्रुप के 35000 फ्लैट्स वाले मेगा प्रोजैक्ट विश टाउन के कई निवेशक लंबे समय से कार्रवाई की मांग करते आ रहे थे।
नोएडाः धरना प्रदर्शन के बाद आखिरकार पुलिस ने जेपी ग्रुप के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इस ग्रुप के 35000 फ्लैट्स वाले मेगा प्रोजैक्ट विश टाउन के कई निवेशक लंबे समय से कार्रवाई की मांग करते आ रहे थे। शनिवार देर रात तक लोग जेपी ग्रुप के दफ्तर के बाहर बच्चों व महिलाओं के साथ डटे हुए थे।
एस.एस.पी. से मिले निवेशक
निवेशकों का आरोप है कि उन्होंने 2007 से 2013 के बीच जेपी विश टाउन में फ्लैट बुक कराया था। सभी बायर्स ने 75 से 95 फीसदी रकम का भुगतान कर दिया था, मगर उनमें से ज्यादातर को अभी तक पजेशन नहीं मिला है। बिल्डर से यह लोग लगातार शिकायत कर रहे थे मगर कोई हल नहीं निकल पा रहा था।
इस मामले में बीते 10 अप्रैल में कुछ निवेशक एस.एस.पी. से मिले थे जिस पर एस.एस.पी. ने शनिवार को जेपी ग्रुप के एमडी के साथ बैठक करने का समय दिया था लेकिन निवेशक पहुंच गए पर एमडी नहीं पहुचे।
पुलिस ने जेपी ग्रुप के एमडी व अन्य अधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। इस एफ.आई.आर. में 225 निवेशकों को शिकायतकर्ता के तौर पर शामिल किया गया है। आरोपियों पर धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र सहित कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
धोखाधड़ी व आपराधिक षड्यंत्र का लगा है आरोप
एस.एस.पी. ने एफ.आई.आर. दर्ज करने का आश्वासन देकर उन्हें संबंधित थाने जाने को कहा। जिसके बाद सभी प्रदर्शन कर रहे बायर्स एक्सप्रेस वे थाने पहुंचे और वहां शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड, जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड, मनोज गौड़, सन्नी गौड़, समीर गौड़, सचिन गौड़, पंकज गौड़, अजीत कुमार और आर के आनंद के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। इन पर धारा 406, 420, 467, 468, 120बी और 471 लगाई गई है।