Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Jan, 2018 04:19 PM
सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 88,139 करोड़ रुपए की नई पूंजी मिलने से बैंकों को जोखिम कम करने में मदद मिलेगी, लेकिन डूबे कर्ज के निपटान और ऋण की ऊंची लागत से निकट भविष्य में क्षेत्र का प्रदर्शन प्रभावित होगा। फिच रेटिंग्स ने आज यह विचार...
नई दिल्लीः सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 88,139 करोड़ रुपए की नई पूंजी मिलने से बैंकों को जोखिम कम करने में मदद मिलेगी, लेकिन डूबे कर्ज के निपटान और ऋण की ऊंची लागत से निकट भविष्य में क्षेत्र का प्रदर्शन प्रभावित होगा। फिच रेटिंग्स ने आज यह विचार व्यक्त किया।
फिच ने कहा कि हालांकि, पूंजी डालने की योजना क्षेत्र के लिए जरूरी 65 अरब डॉलर के अनुमान से आधी से भी कम है, लेकिन कल की घोषणा से बैंकों को अपने गैर- निष्पादित ऋण (एनपीएल) स्टॉक का निपटान तेजी से करने को प्रोत्साहन मिलेगा। ऐसे में बैंकों की डूबे कर्ज पर बड़े नुकसान को झेलने की क्षमता बढ़ेगी। इसके अलावा अतिरिक्त पूंजी प्रतिरोधक या बफर से बैंक की इक्विटी पूंजी जोड़ने की क्षमता भी बढ़ेगी।
आज जारी रिपोर्ट में फिच ने कहा कि पुनर्पूंजीकरण बैंकों के बासेल तीन के तहत ऊंचे नियामकीय पूंजी बोझ को पूरा करने में कम पड़ेगा। कुल राशि सरकारी बैंकों के इक्विटी आधार का करीब 30 प्रतिशत है और यह पूर्व के बूंद बूंद से भरने के रुख से अलग है। रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 12 अरब डॉलर के पुनर्पूंजीकरण बांड पहले देने से बैंक थोड़ी बेहतर स्थिति में होंगे और वे एनपीएल के निपटान से होने वाले नुकसान को झेल पाएंगे।