Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Jun, 2017 02:41 PM
साख निर्धारक एवं बाजार अध्ययन कंपनी क्रिसिल का कहना है कि एक जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) लागू होने के बाद सोने के गहने करीब एक प्रतिशत महंगे हो जायेंगे।
नई दिल्लीः साख निर्धारक एवं बाजार अध्ययन कंपनी क्रिसिल का कहना है कि एक जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) लागू होने के बाद सोने के गहने करीब एक प्रतिशत महंगे हो जायेंगे। क्रिसिल ने बताया कि जीएसटी में सोने पर कर की दर तीन प्रतिशत तय की गयी है। निर्धारित वृहद कर स्लैबों से हटकर सोने के लिए विशेष रूप से दर तय की गयी है। इस पर पुरानी व्यवस्था में कर की दर दो प्रतिशत थी। इसके अलावा मेकिंग चार्ज पर भी पांच प्रतिशत कर लगाया गया है जबकि पहले इस पर कोई कर नहीं था। कुल मिलाकर उपभोक्ताओं के लिए सोने के गहने करीब एक प्रतिशत महंगे हो जायेंगे।
उनका कहना है कि जी.एस.टी. से संगठित विक्रेताओं का फायदा होगा जो ब्रांड नाम के तहत रिटेल चेनों के जरिये बिक्री करते हैं। अभी देश में इसका गहनों का कारोबार करीब 2.85 लाख करोड़ रुपये का है जिसका 75 प्रतिशत असंगठित क्षेत्र यानी स्थानीय दुकानदारों के पास है। उसने कहा कि जी.एस.टी. के अलावा सरकार द्वारा पिछले दिनों उठाये गये अन्य कदम जैसे दो लाख से ज्यादा के गहने खरीदने पर पैन कार्ड की अनिवार्यता, गोल्ड ऑन लोन तथा गोल्ड डिपॉजिट जैसी योजनाओं से संगठित क्षेत्र को फायदा होगा।
नई कर प्रणाली में संगठित क्षेत्र की लागत भी कम हो जाएगी। संगठित क्षेत्र के अधिकतर आउटलेट किराये पर हैं। इससे उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट के रूप में किराये पर दिये गये कर की वापसी हो जायेगी। इसमें असंगठित क्षेत्र के लिए कर चोरी मुश्किल हो जायेगी क्योंकि पूरी आपूर्ति श्रृंखला जीएसटी के जाल में होगी। इससे इनकी लागत बढ़ेगी।