Edited By ,Updated: 11 May, 2017 04:29 PM
मोदी सरकार एक नई पॉलिसी पर काम कर रही है, जिसके तहत वाहनों से किलोमीटर के हिसाब से टोल टैक्स वसूला जाएगा।
नई दिल्लीः मोदी सरकार एक नई पॉलिसी पर काम कर रही है, जिसके तहत वाहनों से किलोमीटर के हिसाब से टोल टैक्स वसूला जाएगा। यानी उस टोल रोड पर वाहन जितने किलोमीटर चला है, यात्री को उतनी ही दूरी का टैक्स देना होगा। मौजूदा व्यवस्था में वाहनों से पूरे टोल रोड का टैक्स वसूला जाता है। अलग-अलग श्रेणियों के वाहनों के लिए रकम पूर्व निर्धारित है। इस बात का कोई फर्क नहीं है कि किसी वाहन ने पूरी टोल रोड का उपयोग किया है या उसके एक हिस्से का।
जल्द आएगी नई पॉलिसी
पिछले दिनों एक कार्यक्रम में परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, ''टोल टैक्स को लेकर उनकी मिनिस्ट्री नए सिरे से काम कर रही है और जल्द ही नई पॉलिसी पेश की जाएगी।'' उन्होंने कहा कि उनके पास सुझाव आया है कि टोल टैक्स प्रति किलोमीटर की दर से वसूला जाए। इस पर विचार विमर्श किया जा रहा है। एक अधिकारी ने बताया, ''नैशनल हाइवे पर टोल टैक्स को लेकर अकसर विवाद होता रहा है।'' ऐसे में, यदि प्रति किलोमीटर के रेट से टोल टैक्स वसूला जाता है तो आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों को काफी कम टैक्स देना पड़ेगा, इससे उनके विरोध के शांत किया जा सकता है, जबकि लंबी दूरी के वाहनों से अधिक टैक्स लेकर टोल कंपनियों को ‘खुश’ किया जा सकता है।
क्या हैं मौजूदा रेट
अधिकारी बताते हैं, ''अभी नैशनल हाइवे पर लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर टोल प्लाजा बनाया जाता है और टोल कंपनियों की मांग को देखते हुए लगभग हर साल टोल दरों में वृद्धि की जाती है।'' इन दिनों औसतन 5 रुपए प्रति किलोमीटर की दर से टोल टैक्स का निर्धारण किया जाता है, लेकिन नई पॉलिसी पर टोल रेट में संशोधन को लेकर भी नए सिरे से विचार किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, सबसे पहले अगस्त में शुरू हो रहे ईस्टर्न पेरिफिरल एक्सप्रेस-वे पर नई पॉलिसी के मुताबिक, टोल टैक्स वसूली की जाएगी। यह एक्सप्रेस वे पलवल-गाजियाबाद-कुंडली के बीच बन रहा है, जो लगभग 135 किलोमीटर लंबा है। इससे पहले टोल पॉलिसी पर काम करने को कहा गया है, ताकि अगस्त तक इसे लागू किया जा सके। एक्सप्रेस-वे पर इसे प्रयोग के तौर पर शुरू किया जा सकता है।