Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 May, 2024 03:01 PM
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिये म्युचुअल फंडों में सकल निवेश किसी कैलेंडर माह में पहली बार 20,000 करोड़ रुपए के पार निकल गया। बाजारों में उतार-चढ़ाव के बावजूद निवेशकों ने रिकॉर्ड 64 लाख एसआईपी खाते खोले। पिछले महीने खुले
बिजनेस डेस्कः सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिये म्युचुअल फंडों में सकल निवेश किसी कैलेंडर माह में पहली बार 20,000 करोड़ रुपए के पार निकल गया। बाजारों में उतार-चढ़ाव के बावजूद निवेशकों ने रिकॉर्ड 64 लाख एसआईपी खाते खोले। पिछले महीने खुले नए खातों की संख्या मार्च में पंजीकृत खातों के मुकाबले करीब 50 फीसदी ज्यादा रही। आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी के प्रबंध निदेशक व सीईओ ए. बालासुब्रमण्यन ने कहा कि भारत का म्युचुअल फंड उद्योग नए मुकाम पर पहुंच गया है और एसआईपी खातों में निवेश अप्रैल 2024 में 20,000 करोड़ रुपए के पार निकल गया। यह बताता है कि म्युचुअल फंड उद्योग की निवेशकों के बीच स्वीकार्यता बढ़ी है जो अपनी बचत का निवेश करने और लंबी अवधि में परिसंपत्ति सृजित करने के लिए एसआईपी अपना रहे हैं।
मुख्य बेंचमार्क सूचकांकों ने अप्रैल की समाप्ति करीब 1.2 फीसदी की बढ़त के साथ की जबकि 18 अप्रैल तक के चार कारोबारी सत्रों में उसने गिरावट दर्ज की थी। दोनों सूचकांक इन चार कारोबारी सत्रों में करीब 3.4 फीसदी फिसल गए थे। हालांकि ऐक्टिव इक्विटी योजनाओं में शुद्ध निवेश मासिक आधार पर 16 फीसदी घटकर 18,917 करोड़ रुपए रहा, जिसकी मुख्य वजह लार्जकैप फंडों से ज्यादा निवेश निकासी और न्यू फंड ऑफर (एएफओ) में हुए संग्रह में गिरावट है।
एसबीआई म्युचुअल फंड के डिप्टी एमडी व ज्वाइंट सीईओ डीपी सिंह के मुताबिक शुद्ध निवेश में गिरावट से संकेत मिलता है कि कुछ निवेशक मुनाफावसूली का विकल्प चुन रहे हैं और चुनाव नतीजों से पहले किनारे रहना चाहते हैं। सिंह ने कहा कि राजनीतिक माहौल में गर्मी और बाजार के उतार-चढ़ाव के दौर में स्मार्ट मनी बाहर निकल जाता है। यह लार्जकैप फंडों से निवेश निकासी और आर्बिट्रेज फंडों में ज्यादा निवेश से स्पष्ट होता है।
एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया यानी एम्फी के आंकड़ों के अनुसार कुल मिलाकर उद्योग ने 2.4 लाख करोड़ रुपए का निवेश हासिल किया और अकेले लिक्विड फंडों में 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया। मजबूत आवक और बाजार की चाल के कारण मार्क टु मार्केट लाभ के कारण कुल प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) 7 फीसदी की उछाल के साथ 57.3 लाख करोड़ रुपए हो गई। एम्फी के मुख्य कार्याधिकारी वेंकट चलसानी ने कहा कि म्युचुअल फंड उद्योग नए स्तर पर पहुंच गया है और शुद्ध एयूएम 57.3 लाख करोड़ रुपए और एसआईपी खातों की संख्या 8.7 करोड़ पर पहुंच गई है। एसआईपी के जरिए 20,371 करोड़ रुपए के रिकॉर्ड योगदान से एसआईपी एयूएम 11.3 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया और 63.6 लाख नए एसआईपी खातों का पंजीकरण निवेशकों का भरोसा जाहिर करता है।
KYC मसले का असर नहीं
उद्योग में वृद्धि की मजबूत रफ्तार बरकरार रही जबकि नो योर कस्टमर (केवाईसी) के नियमों में बदलाव से कुछ निवेशकों के लिए नया निवेश मुश्किल हो गया है। चलसानी के मुताबिक केवाईसी का मामला छोटी समस्या है क्योंकि इस बदलाव से कुछ ही निवेशक प्रभावित हो रहे हैं। सिस्टम सहजता से आगे बढ़ रहा है और यही वजह है कि हम फंड खातों और व एसआईपी खातों की संख्या में बढ़ोतरी देख रहे हैं। म्युचुअल फंडों के 93 फीसदी खातों का केवाईसी हो चुका है, सिर्फ 3 फीसदी खाते ही केवाईसी होल्ड स्टेटस में हैं।
बाजार नियामक सेबी ने केवाईसी पंजीकरण एजेंसियों यानी केआरए को निर्देश दिया है कि वे केवाईसी के रिकॉर्ड तीन श्रेणियों केवाईसी वैलिडेटेड, केवाईसी पंजीकृत/सत्यापित और केवाईसी ऑन होल्ड के तौर पर रखें। 1 अप्रैल से केवाईसी नियमों में हुए बदलाव के तहत निवेशकों के लिए केवाईसी सत्यापन कराना अनिवार्य है और तभी वह फंडों की उन योजनाओं में निवेश शुरू कर पाएंगे, जहां उनका पहले से ही निवेश है।