Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jun, 2017 11:58 AM
अगर आप क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं या फिर आपने किसी प्रकार का बीमा करवाया हुआ है, तो यह खबर आपके लिए है।
नई दिल्ली: अगर आप क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं या फिर आपने किसी प्रकार का बीमा करवाया हुआ है, तो यह खबर आपके लिए है। बैंकों और बीमा कंपनियों ने लोगों को चेताना शुरू कर दिया है कि जीएसटी के बाद क्रेडिट कार्ड और बीमा प्रीमियम के क्रमश: बिल व पेमेंट अब के मुकाबले महंगी पड़ सकती हैं। क्रेडिट कार्ड प्रदाता, बैंक तथा बीमा कंपनियों ने अपने ग्राहकों को एक जुलाई से माल एवं सेवा कर (GST) के क्रियान्वयन के बाद अधिक कर लगने के बारे में सावधान करना शुरू कर दिया है।
SBI, HDFC बैंक से लेकर ICICI प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस अपने ग्राहकों को मेसेज भेजकर इस बाबत पूर्व सूचना दे रहे हैं। फिलहाल ग्राहक ऐसी सेवाओं के लिये 15 प्रतिशत सेवा कर देते हैं। 1 जुलाई 2017 से जी.एस.टी. सेवा कर और वैट जैसे सभी अप्रत्यक्ष कर को समाहित करेगा। वित्तीय सेवा तथा दूरसंचार को 18 प्रतिशत जी.एस.टी. स्लैब में रखा गया है। एसबीआई कार्ड ने अपने ग्राहकों को एसएमएस भेजकर उच्च कर प्रभाव के बारे में सावधान किया है। एस.बी.आई. कार्ड के एस.एम.एस. के अनुसार, भारत सरकार ने जी.एस.टी. लागू करने करने का प्रस्ताव किया है।यह संभवत: 1 जुलाई 2017 से लागू हो सकता है. परिणामस्वरूप 15 प्रतिशत मौजूदा सेवा कर के स्थान पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। स्टैंडर्ड चार्टर्ड तथा एच.डी.एफ.सी. ने भी अपने ग्राहकों को जीएसटी से संबंधित संदेश भेजे हैं।
आई.सी.आई.सी.आई. प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस ने ई-मेल संदेश में अपने ग्राहकों से कहा कि नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के क्रियान्वयन के बाद -टर्म पॉलिसी- के लिए दिए जाने वाले प्रीमियम तथा -यूनिट लिंक्ड- बीमा पालिसी पर 18 प्रतिशत जी.एस.टी. लगेगा। इन उत्पादों पर फिलहाल 15 प्रतिशत जी.एस.टी. लगता है। जीएसटी एंडाउमेंट पालिसी के लिए प्रीमियम भुगतान पर 2.25 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। फिलहाल ग्राहकों को 1.88 प्रतिशत सेवा कर एंडोमांट पालिसी पर देना होता है।