Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jun, 2017 02:08 PM
हेलमेट को जी.एस.टी. के अंतर्गत 18 प्रतिशत कर स्लैब में रखे जाने से उद्योग और दोपहिया वाहनों की सुरक्षा पर असर पड़ेगा
नई दिल्लीः हेलमेट को जी.एस.टी. के अंतर्गत 18 प्रतिशत कर स्लैब में रखे जाने से उद्योग और दोपहिया वाहनों की सुरक्षा पर असर पड़ेगा क्योंकि इससे सस्ते और कामचलाऊ उत्पाद की बिक्री बढ़ेगी। हेल्मेट विनिर्माताओं का संगठन आई.एस.आई. हेलमेट मैनुफैक्चर्स एसोसिएशन (आई.एस.आई.एच.एम.ए.) ने कहा कि सरकार को शून्य जी.एस.टी. दर के साथ सरकार को बेहतर गुणवत्ता वाले हेलमेट को बढ़ावा देना चाहिए।
फिलहाल हेलमेट पर अलग-अलग राज्यों में अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर 35 प्रतिशत एबेटमेंट (छूट) के साथ 0 से 14.5 प्रतिशत तक वैट तथा 12.5 प्रतिशत केंद्रीय उत्पाद शुल्क लगता है।