Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Dec, 2017 10:11 AM
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने लोगों के बिस्तरों और तकियों में छिपे कालेधन को वापस बैंकिंग प्रणाली का श्रेय नोटबंदी जैसे कदम को दिया। उल्लेखनीय है कि पिछले साल नवंबर में सरकार ने 500 और 1,000 रुपए के पुराने नोटों को बंद कर दिया था। तब इनका देश की कुल...
नई दिल्लीः उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने लोगों के बिस्तरों और तकियों में छिपे कालेधन को वापस बैंकिंग प्रणाली का श्रेय नोटबंदी जैसे कदम को दिया। उल्लेखनीय है कि पिछले साल नवंबर में सरकार ने 500 और 1,000 रुपए के पुराने नोटों को बंद कर दिया था। तब इनका देश की कुल नकदी में करीब 86 फीसदी हिस्सा था। भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार नोटबंदी की गई कुल नकदी का करीब 99 फीसदी बैंकिंग प्रणाली में लौट आया है।
नायडू ने कहा, ‘‘भारत में अब बैंकों के पास फिर से पैसा है क्योंकि सारा पैसा उनके पास आ गया है। कुछ लोगों ने अपने धन को गद्दों और तकियों यहां तक कि बाथरूम में छिपा कर रखा था, अब यह सारा बैंकों में वापस आ गया है। इसे लेकर कई तरह का वाद-विवाद है, मैं अब उस राजनीतिक बहस में नहीं पड़ना चाहता क्योंकि अब मैं राजनीति में नहीं हूं।’’ वह यहां लघु एवं मझोले उद्योग पर आयोजित एक सम्मेलन में बोल रहे थे। इस सम्मेलन का आयोजन डब्ल्यू.ए.एस.एम.ई. ने किया था। नायडू ने कहा कि वह राजनीति छोड़ चुके हैं लेकिन वह अभी भी सार्वजनिक जीवन में हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘धन वापस आ गया है। कुछ लोग इसके मकसद को लेकर सवाल उठा रहे हैं। इस देश के एक आम नागरिक की तरह मैं इसके मकसद को समझता हूं। बैंकों में धन पते के साथ वापस आया है। इसमें कितना वैध है और कितना अवैध इसका निर्णय रिजर्व बैंक करेगा।’’ उपराष्ट्रपति ने बैंकों से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग क्षेत्र पर ज्यादा ध्यान देने के लिए जोर दिया क्योंकि यह क्षेत्र सबसे ज्यादा रोजगार पैदा करता है।