Edited By ,Updated: 23 Aug, 2016 04:22 PM
केन्द्र सरकार देश में उर्वरकों के अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए भारतीय उर्वरक अनुसंधान परिषद (आई.सी.एफ.आर.) की स्थापना करने पर गंभरता सें विचार कर रही है।
नई दिल्लीः केन्द्र सरकार देश में उर्वरकों के अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए भारतीय उर्वरक अनुसंधान परिषद (आई.सी.एफ.आर.) की स्थापना करने पर गंभरता सें विचार कर रही है। केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने आज यहां राज्यों के सचिवों तथा निदेशकों के सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि उनका मंत्रालय भविष्य की जरूरतों को देखते हुए रासायनिक और जैविक उर्वरकों पर अनुसंधान को बढावा देना चाहता हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आई.सी.एम.आर.) तथा कृषि के क्षेत्र में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आई.सी.ए.आर.) काम कर रहा है उसी तरह से काम करने के लिए वह आई.सी.एफ.आर. की स्थापना करना चाहते हैं।
कुमार ने कहा कि देश के अनेक हिस्सों में मिट्टी में नाइट्रोजन, फास्फेट और पोटास के साथ साथ सूक्ष्म पोषक तत्वों खासकर जिंक, आइरन, सल्फर, बोरन आदि की कमी हो गई है और इसका असर फसलों के उत्पादन पर हो रहा है। आई.सी.एफ.आर. की स्थापना से न केवल उर्वरकों का व्यापक विश्लेषण किया जा सकेगा बल्कि नए-नए रासायनिक, जैविक के उत्पादन को बढ़ावा मिल सकेगा।
उर्वरक मंत्री ने कहा कि देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए खाद्यान्नों का उत्पादन निरंतर बढाने की जरूरत है। फसलों की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए संतुलित मात्रा में रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग की अहमियत को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार रासायनिक उर्वरकों के साथ ही जैविक उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा देना चाहती है।