2012 के बाद न्यूनतम स्तर पर खुदरा महंगाई दर, ब्याज दर घटाने का दबाव बढ़ा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Jun, 2017 07:03 PM

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रिटेल महंगाई ने एक बार फिर राहत दी है। मई में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सी.पी.आई.) पर आधारित रिटेल महंगाई घटकर 2.18 फीसदी पर आ गई, जबकि अप्रैल में यह 2.99 फीसदी के स्तर पर रही थी।

नई दिल्लीः रिटेल महंगाई दर में और कमी आई है। मई में रिटेल महंगाई दर (सीपीआई) घटकर 2.18 फीसदी रही है। इस तरह 2012 के बाद मई में रिटेल महंगाई दर सबसे निचले स्तर पर आ गई है। अप्रैल में रिटेल महंगाई दर 2.99 फीसदी रही थी। महीने दर महीने आधार पर मई कोर महंगाई दर 4.5 फीसदी से बढ़कर 4.7 फीसदी रही है।

फूड आइटम्स में कमी का दिखा असर
- सीएसओ द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक मई में कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स (सीएफपीआई) -1.05 फीसदी के निगेटिव टेरिटरी में चला गया, जबकि मई 2016 में यह 7.47 फीसदी के स्तर पर था। 
- रूरल सीएफपीआई -0.60 फीसदी और अर्बन सीएफपीआई -1.85 फीसदी के स्तर पर रहा। 
- वहीं पल्सेस (दालें) ग्रुप इंडेक्स में 1.9 फीसदी की कमी दर्ज की गई।
- हालांकि मई में सब्जियों की कीमतों में बढ़त दर्ज की गई। इस महीने में सीपीआई वेजिटेबिल इंडेक्स 1.8 फीसदी बढ़ा।
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अर्बन और रूरल इनफ्लेशन दोनों में कमी 
अर्बन और रूरल इनफ्लेशन की अलग-अलग बात करें तो दोनों में कमी दर्ज की गई है। अर्बन महंगाई घटकर 2.13 फीसदी पर आ गई, जबकि अप्रैल में यह 3.03 फीसदी थी। वहीं रूरल महंगाई मई में 2.30 फीसदी के स्तर पर आ गई, जो अप्रैल में 3.02 फीसदी के स्तर पर थी। 
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आर.बी.आई. पर बढ़ सकता है रेट कट का प्रेशर
रिटेल इनफ्लेशन का यह आंकड़ा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आर.बी.आई.) की 4 फीसदी की मीडियम टर्म थ्रेसहोल्ड से काफी कम है। माना जा रहा है कि इससे आर.बी.आई. पर अगली मॉनिटरी पॉलिसी में ब्याज दरों में कमाई का प्रेशर बढ़ सकता है। 

अप्रैल में आईआईपी ग्रोथ 3.1% रही
इंडस्ट्रियल प्रोडेक्‍शन ग्रोथ (आई.आई.पी.) घटकर 3.1 फीसदी पर आ गई है। यह मार्च में 3.75 फीसदी थी और एक साल पहले अप्रैल में यह 6.5 फीसदी पर थी।  इस गिरावट में मैन्‍युफैक्‍चरिंग, माइनिंग और पॉवर सेक्‍टर के खराब प्रदर्शन की भूमिका रही है। 
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सीएसओ ने जारी किए आंकड़े 
सीएसओ की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार मार्च में पहले आईआईपी की ग्रोथ रेट 2.7 फीसदी बताई गई थी लेकिेन से रिवाइज करके 3.75 फीसदी कर दिया गया है। मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर की ग्रोथ अप्रैल में 2.6 फीसदी रही है। यह पिछले साल इसी माह में 5.5 फीसदी थी। इसी प्रकार  माइनिंग सेक्‍टर की ग्रोथ 4.2 फीसदी रही है। यह पिछले साल इसी माह में 6.7 फीसदी पर थी। वहीं पॉवर जेनरेशन सेक्‍टर में सबसे ज्‍यादा गिरावट दर्ज की गई है। यह इस साल अप्रैल में 5.4 फीसदी पर आई जो पिछले साल 14.4 फीसदी पर थी। 
 

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