Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Dec, 2017 11:56 AM
सरकार ने दलहनों के सस्ते आयात को रोकने तथा इस वर्ष दलहनों के रिकॉर्ड उत्पादन के मद्देनजनर इसके स्थानीय कीमतों में आई गिरावट को देखते हुए कीमतों में तेजी लाने के लिए चना और मसूर दालों पर 30 प्रतिशत का भारी आयात शुल्क लगाया है। वित्त मंत्रालय ने कहा,...
नई दिल्लीः सरकार ने दलहनों के सस्ते आयात को रोकने तथा इस वर्ष दलहनों के रिकॉर्ड उत्पादन के मद्देनजनर इसके स्थानीय कीमतों में आई गिरावट को देखते हुए कीमतों में तेजी लाने के लिए चना और मसूर दालों पर 30 प्रतिशत का भारी आयात शुल्क लगाया है। वित्त मंत्रालय ने कहा, ‘‘किसानों के हितों की रक्षा के लिए सरकार ने चना और मसूर दालों पर तत्काल प्रभाव से 30 प्रतिशत का आयात शुल्क लगाने का फैसला किया है।’’
चालू रबी सत्र के दौरान चना और मसूर दालों का उत्पादन अधिक होने की उम्मीद है। मंत्रालय ने आयात शुल्क में वृद्धि के कारणों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘सस्ता आयात, अगर निर्बाध रूप से जारी रहने दिया गया तो किसान प्रभावित होंगे।’’ मौजूदा समय में तुअर दाल पर 10 प्रतिशत का आयात शुल्क है। सरकार ने हाल में पीले मटर पर 50 प्रतिशत का आयात शुल्क लगाया है। जबकि अन्य दलहनों पर आयात शुल्क शून्य है। बयान में कहा गया है, ‘‘चालू वर्ष में दलहनों का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। हालांकि, पर्याप्त घरेलू उपलब्धता के बावजूद अंतरराष्ट्रीय कीमतें कम होने के कारण दलहनों का आयात किया जा रहा है। ऐसे आयात के कारण दलहनों की घरेलू कीमतें प्रभावित होती हैं और इससे किसानों के हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।’’
भारत दुनिया में दलहन का विशालतम उत्पादक देश है। फसल वर्ष 2016-17 (जुलाई से जून) में दलहन उत्पादन 2.3 करोड़ टन के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गया। कृषि सचिव एस के पटनायक ने हाल में कहा था कि देश का दलहन उत्पादन पिछले वर्ष की तरह यानी इसका रिकॉर्ड उत्पादन होगा।