Edited By ,Updated: 17 Jan, 2017 03:25 PM
दुनिया के सीईआे मानते हैं कि अगले 12 माह के दौरान यदि सकल वृद्धि की बात की जाए तो भारत शीर्ष 6 देशों में शामिल है। हालांकि इसके साथ ही उनका यह भी मानना है
दावोस: दुनिया के सीईआे मानते हैं कि अगले 12 माह के दौरान यदि सकल वृद्धि की बात की जाए तो भारत शीर्ष 6 देशों में शामिल है। हालांकि इसके साथ ही उनका यह भी मानना है कि 3 साल पहले भारत में निवेश को लेकर जितना उत्साह था उसमें अब कमी आई है।
वैश्विक सलाहकार संस्था पीडब्ल्यूसी के ताजा सालाना वैश्विक सीईआे सर्वेक्षण के मुताबिक वृद्धि के लिहाज से दुनिया के शीर्ष 2 बाजारों में 43 प्रतिशत सीईआे ने पहले स्थान पर अमरीका जबकि 33 प्रतिशत सीईआे ने चीन को दूसरा स्थान दिया है। इसके बाद जर्मनी तीसरे, ब्रिटेन चौथे नंबर पर, जापान पांचवें और भारत को छठा स्थान दिया गया है। पिछले साल इस तरह के सर्वेक्षण में सबसे बेहतर संभावनाओं वाले बाजारों में भारत शीर्ष 5 देशों में शामिल था।
सर्वेक्षण में कहा गया है, ‘‘कुछ समय से मुख्य कार्यकारी अधिकारियों मेंं भारत के प्रति उत्साह में कमी आई है। शायद इसकी वजह भारत में ढांचागत सुधारों की धीमी गति होना है। इसके अलावा हाल ही में वहां मुद्रा में बदलाव को लेकर भी कुछ अल्पकालिक समस्याएं खड़ी होने से एेसा हुआ है।’’
सर्वेक्षण में हालांकि आगे कहा गया है, ‘‘इन सब बातों के बावजूद भारत अपनी तीव्र वृद्धि और मौद्रिक तथा वित्तीय सुधारों के मामले में अलग से पहचान रखता है।’’ सर्वेक्षण के नतीजे बताते हैं कि बाजारों में यह बदलाव देशों की मुद्राओं में होने वाले उतार-चढ़ाव की वजह से भी हुआ है। इसकी वजह से कंपनी सीईआे विभिन्न देशों की तरफ मुड़े हैं। इस साल के अध्ययन से पता चलता है कि अमरीका, जर्मनी और ब्रिटेन अब सीईआे के लिए बड़ी प्राथमिकताओं में आ गए हैं जबकि ब्राजील, भारत, रूस और अर्जेंटीना की तरफ आकर्षण 3 साल पहले के मुकाबले कम हुआ है।