भारत की धीमी GDP वृद्धि दर आश्चर्यचकित करने वाली: चीनी मीडिया

Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Jun, 2017 06:07 PM

india s slower gdp nasty surprise self goal chinese media

चीन के एक सरकारी दैनिक ने आज कहा कि भारत को हाथी बनाम ड्रैगन की दौड़ में एक बड़ा झटका लगा है और यह दुखद आश्चर्य है क्योंकि उसकी जी.डी.पी. वृद्धि जनवरी-मार्च तिमाही में घट गई जबकि

बीजिंगः चीन के एक सरकारी दैनिक ने आज कहा कि भारत को हाथी बनाम ड्रैगन की दौड़ में एक बड़ा झटका लगा है और यह दुखद आश्चर्य है क्योंकि उसकी जी.डी.पी. वृद्धि जनवरी-मार्च तिमाही में घट गई जबकि चीन इस दौरान एक बार फिर तेजी से बढऩे वाली अर्थव्यवस्था के रुप में उभरा है। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा ‘अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना’ करार देते हुए ग्लोबल टाइम्स ने उम्मीद जताई कि भारत भविष्य में एेसा नहीं करेगा और अपने सुधार प्रयास जारी रखेगा।  

पिछले वित्त वर्ष की मार्च में समाप्त तिमाही में भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती एक बड़ी अर्थव्यवस्था का खिताब चीन के हाथों गंवा बैठा। इस तिमाही के दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.1 फीसद रही जिससे 2016-17 की कुल विकासदर घटकर 7.1 फीसद पर आ गई।  

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि नवंबर में भारत सरकार द्वारा अचानक बड़े नोटों का चलन बंद करने का इस आंकड़े पर कुछ असर पड़ा। देश में करीब 85 फीसदी बड़े नोट चलन में थे। वैसे वित्त मंत्री अरुण जेतली ने कल कहा कि अर्थव्यवस्था में रफ्तार घरेलू एवं वैश्विक दोनों कारकों की वजह से घटी तथा अकेले नोटबंदी को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।   

चीनी दैनिक ने कहा, ‘‘एेसा जान पड़ता है कि भारत को हाथी बनाम ड्रैगन की दौड़ में तगड़ा झटका लगा है और उसकी अर्थव्यवस्था में अप्रत्याशित सुस्ती से चीन को (इस साल की) पहली तिमाही में तेजी से उभरती बड़ी अर्थव्यवस्था का खिताब फिर से हासिल करने में मदद मिली।’’  

सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा संचालित इस दैनिक में कहा गया है कि आश्चर्यजनक तौर पर सामने आई सुस्त वृद्धि भारत के समक्ष कुछ अंतर्निहित समस्याओं की आेर इशारा करती है। उसने सरकारी आंकड़े पर आश्चर्य प्रकट किया और कहा कि उसने विवादों को न्यौता दिया है। इस दैनिक में कहा गया है, ‘‘भारत पर नजर रखने वाले तब चकित हो गए जब बुधवार को यह सामने आया था कि अर्थव्यवस्था महज 6.1 फीसदी की दर से बढ़ी जो दो साल में सबसे कम है। यह आंकड़ा विश्लेषकों के इस तिमाही में 7 फीसदी से अधिक रहने के अनुमान से बहुत कम है।’’  

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!