Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Jun, 2017 11:22 AM
देश तेजी से दुनिया का बड़ा रिफाइनरी केन्द्र बनने की तरफ बढ रहा है। महाराष्ट के रत्नागिरी जिले में देश के पश्चिमी तट पर छह करोड़ टन रिफाइनिंग क्षमता की दुनिया की
नई दिल्ली: देश तेजी से दुनिया का बड़ा रिफाइनरी केन्द्र बनने की तरफ बढ रहा है। महाराष्ट के रत्नागिरी जिले में देश के पश्चिमी तट पर छह करोड़ टन रिफाइनिंग क्षमता की दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी बनाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों इंडियन आयल कार्पोरेशन (आई.ओ.सी.), भारत पेटोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिन्दुस्तान पेटोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के बीच संयुक्त उद्यम स्थापना के लिये समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
पेटोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान और पेटोलियम मंत्रालय में सचिव के डी त्रिपाठी की उपस्थिति में तीनों तेल कंपनियों के चेयरमैन ने संयुक्त उद्यम समझौते पर हस्ताक्षर किये। यह रिफाइनरी और पेटोकेमिकल परिसर महाराष्ट के रत्नागिरी जिले में लगाया जायेगा जिसपर करीब 40 अरब डालर (तीन लाख करोड़ रुपए) की लागत आने का अनुमान है। इस रिफाइनरी में 50 प्रतिशत भागीदारी के साथ इंडियन आयल सबसे बड़ी भागीदार होगी जबकि शेष 25 - 25 प्रतिशत हिस्सेदारी बीपीसीएल और एचपीसीएल के पास होगी।
उन्होंने कहा इस रिफाइनरी को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी वाला बनाया जाएगा और इसमें किसी भी तरह का कच्चा तेल रिफाइन किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि भारत अब केवल ईंधन का उपभोक्ता देश नही रह गया है, वह ईंधन बाजार में एक जिम्मेदारी वाली भूमिका निभाने की सिथति में आ गया है। यह रिफाइनरी विश्व के तेल व्यापार को प्रभावित करने वाली होगी और इसके माध्यम से भारत तेल के तर्कसंगत मूल्य की दिशा में काम करेगा।