Edited By ,Updated: 21 Jul, 2016 02:21 PM
एक रपट के अनुसार भारतीय रेस्टोरेंट उद्योग इस साल करों के रूप में 22,400 करोड़ रपए का योगदान करेगा और 58 लाख प्रत्यक्ष ...
नई दिल्ली : एक रपट के अनुसार भारतीय रेस्टोरेंट उद्योग इस साल करों के रूप में 22,400 करोड़ रपए का योगदान करेगा और 58 लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजित करेगा। इंडियन फूड सर्विसेज रिपोर्ट आई.एफ.एस.आर., 2016 में यह निष्कर्ष निकाला गया है। यह रपट आज यहां जारी की गई।
यह रपट रेस्टोरेंट उद्योग के संगठन नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया एन.आर.ए.आई. ने तैयार की है। इसके अनुसार देश का खाद्य सेवा बाजार अनुमानत 3.09 लाख करोड़ रपए का है और इसके 2021 तक पांच लाख करोड़ रपए का होने की उम्मीद है।
एन.आर.ए.आई. के मानद सचिव राहुल सिंह ने कहा कि रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि रेस्टोरेंट उद्योग 2021 तक देश की जी.डी.पी. में 2.1 प्रतिशत का योगदान करेगा। एन.आर.ए.आई. के अध्यक्ष रियाज अमलानी ने कहा, ‘कुल खाद्य सेवाएं आज 3,09,110 करोड़ रपए की हैं और 2013 में हमारी पिछली रपट के बाद से इसमें 7.7 प्रतिशत की बढोत्तरी हुई है। 10 प्रतिशत चक्रवृद्धि बढोत्तरी के साथ इसके 2021 तक 4,98,130 करोड़ रपए होने की उम्मीद है।’
उन्होंने कहा, ‘केवल इस साल ही, भारत का रेस्टोरेंट क्षेत्र 58 लाख लोगों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार सृजित करेगा आेर करों के रूप में भारतीय अर्थव्यवस्था में 22,400 करोड़ रपये का योगदान करेगा।’ इस रपट को नीति आयोग के सीईआे अमिताभ कांत ने जारी किया। उन्होंने कहा कि बीते कुछ साल से भारत उच्च वृद्धि दर की राह पर है। उन्होंने कहा, ‘कुल बाजार आकार के लिहाज से यह उद्योग इस समय अनुमानत 48 अरब डालर मूल्य का है।’ रपट में कहा गया है कि कुल बाजार में संगठित क्षेत्र का हिस्सा केवल 33 प्रतिशत है।