ब्याज दरें कम, स्वीकार्य, स्थिर होनी चाहिए: प्रणब

Edited By ,Updated: 20 Jan, 2017 07:13 PM

interest rate needs to be lower  acceptable  stable  president

वर्तमान में वृहद आर्थिक स्थिति की मजबूती तथा मुद्रास्फीति पर अंकुश के मद्देनजर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कर्ज पर ब्याज दर को अपेक्षाकृत और कम, स्थिर, तथा स्वीकार्य स्तर पर रखे जाने की

कोलकाताः वर्तमान में वृहद आर्थिक स्थिति की मजबूती तथा मुद्रास्फीति पर अंकुश के मद्देनजर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कर्ज पर ब्याज दर को अपेक्षाकृत और कम, स्थिर, तथा स्वीकार्य स्तर पर रखे जाने की जरूरत पर आज बल दिया ताकि संभावित निवेशकों को भारत और खास कर पश्चिम बंगाल में निवेश के लिए आकर्षित किया जा सके।   

बंगाल वैश्विक व्यापार सम्मेलन के तीसरे संस्करण को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति काफी हद तक काबू में है। सभी मानकों तथा अध्ययनों के आधार पर यही सुझाव दिया जा रहा है कि ब्याज दरें और कम, स्वीकार्य तथा स्थिर होनी चाहिए तभी संभावित निवेशकों को भारत और खासकर इस राज्य :पश्चिम बंगाल: में निवेश के लिए आकर्षित किया जा सके।’’ उन्होंने कहा कि ठोस वित्तीय प्रबंधन की वजह से देश का चालू खाते का घाटा (कैड) कम हुआ है। 

2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था पिछले दशक से लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि देश का राजकोषीय घाटा और चालू खाते का घाटा सुधरा है। राष्ट्रपति ने कहा कि सभी वृहद आर्थिक मानदंड ठोस वित्तीय प्रबंधन, निवेशक अनुकूल नीतियों तथा संतोषजनक बाहरी कारकों की वजह से मजबूत हैं। हालांकि, परंपरागत निर्यात बाजार संकुचित जरूर हुआ है पर एशिया में अन्य निर्यात बाजारों में अपना स्थान बनाने में कामयाब रहा है।   

मुखर्जी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने पिछले 10 साल से मजबूती दिखाई है। राष्ट्रपति ने इस बात को रेखांकित किया कि 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था आगे बढ़ी है। राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रही है। हालांकि, इस संकट से सभी विकसित अर्थव्यवस्थाओं को झटका लगा था। इसे बाद यूरो क्षेत्र संकट आया। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि विश्व बैंक तथा अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (आई.एम.एफ.) ने वृद्धि के अनुमान को संशोधित कर नीचे किया है।   

मुखर्जी ने कहा कि भारत पर भी 2008 के संकट का असर पड़ा था और 2008-09 में इसकी वृद्धि दर प्रभावित हुई थी। 2008 के संकट से पहले भारतीय अर्थव्यवस्था 9 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ रही थी। पिछले एक दशक में हमारी राष्ट्रीय औसत वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रही है। पश्चिम बंगाल सरकार के निवेशक अनुकूल माहौल उपलब्ध कराने के प्रयासों को रेखांकित करते हुए मुखर्जी ने कहा कि वित्त मंत्री के रूप में (भी काम कर चुके होने के नाते) मैं जानता हूं कि इस राज्य (बंगाल) पर ऋण बोझ का कितना दबाव था। विरासत में मिले उस बोझ को तो दरकिनार करते हुए यह राज्यउदार नीतियों के जरिए आगे बढ़ रहा है ताकि निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया जा सके।’’   

उन्होंने बुनियादी ढांचा, अच्छी सड़कों, बिजली, कुशल श्रमबल तथा निवेशक अनुकूल नीतियों के लिए पश्चिम बंगाल के रिपोर्ट कार्ड की सराहना की। राष्ट्रपति ने उम्मीद जताई कि इस सम्मेलन से राज्य निवेश के मामले में नई ऊंचाई पर पहुंच सकेगा। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!