Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Sep, 2017 02:31 PM
यह ग्राहकों के लिए सबसे अच्छा समय था मगर दूरसंचार क्षेत्र के लिए सबसे खराब वक्त। एक तरफ फ्री असीमित वॉयस कॉल और
नई दिल्लीः यह ग्राहकों के लिए सबसे अच्छा समय था मगर दूरसंचार क्षेत्र के लिए सबसे खराब वक्त। एक तरफ फ्री असीमित वॉयस कॉल और मामूली कीमत पर डेटा के ऑफरों से मोबाइल फोन ग्राहकों के चेहरों पर खुशी थी। दूसरी तरफ मोटे कर्ज के बोझ से दबी और चिंतित दूरसंचार कंपनियों पर तिहरी मार पड़ी। उनका लाभ गिरा, मार्जिन कम हुआ और ग्राहक घट गए। इन नाटकीय बदलावों की शुरुआत रिलायंस जियो की 4जी सेवाएं चालू होने के साथ हुई थी।
जियो की सेवाओं को अगले सप्ताह 5 सितंबर को एक साल पूरा होने जा रहा है। पिछले 12 महीनों के दौरान देश में डेटा के इस्तेमाल का जैसा नाटकीय धमाका देखने को मिला है, वह अभी तक कभी नहीं देखने को मिला। वर्तमान ऑपरेटरों ने डेटा की कीमतें ऊंची रखी थीं, इसलिए उनके ग्राहकों की संख्या सीमित थी लेकिन जियो ने इस पूरे खेल को बदल दिया।
एेसे की जियो ने करोड़ों कामयाब
रिलायंस जियो ने इस साल जून तक डेटा की कीमतें करीब 95 फीसदी घटाकर 0.17 डॉलर कर दी हैं, जिससे प्रतिस्पर्धियों घुटनों के बल आ गए और उन्हें भी कीमतें घटाने के लिए बाध्य होना पड़ा। इसके चलते प्रत्येक महीने प्रति ग्राहक डेटा खपत सितंबर 2016 से इस साल मार्च तक 5 गुना बढ़कर करीब 1 जीबी पर पहुंच गई। इसे एक अन्य नजरिये से देखते हैं तो देश में डेटा की कुल खपत 7 गुना बढ़ी है।
जियो के आने से पहले देश में हर महीने 20 करोड़ जीबी डेटा खर्च होता था, जो इस समय बढ़कर 150 करोड़ जीबी प्रति माह हो गया है। इससे भारत विश्व का सबसे बड़ा डेटा उपयोगकर्ता बन गया है। उसने अमेरिका (71 करोड़ जीबी) और चीन (63 करोड़ जीबी) को पीछे छोड़ दिया है। रोचक बात यह है कि डेटा खपत में यह भारी बढ़ोतरी केवल 28.2 करोड़ ग्राहकों की बदौलत हुई है। ग्राहकों की तादाद अगस्त 2016 की तुलना में करीब दोगुनी हो गई है।