B'day Special: जानिए राजन के बारे में कुछ ख़ास बातें!

Edited By ,Updated: 03 Feb, 2017 12:25 PM

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भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (पूरा नाम: रघुराम गोविंद राजन, तमिल:जन्म: 3 फ़रवरी 1963) भारतीय रिजर्व बैंक के 23वें गवर्नर रह चुके हैं।

नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (पूरा नाम: रघुराम गोविंद राजन, तमिल:जन्म: 3 फ़रवरी 1963) भारतीय रिजर्व बैंक के 23वें गवर्नर रह चुके हैं।

4 सितम्बर 2013 को डी. सुब्बाराव की सेवानिवृत्ति के पश्चात उन्होंने यह पदभार ग्रहण किया। इससे वह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के प्रमुख आर्थिक सलाहकार व शिकागो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में एरिक. जे. ग्लीचर फाईनेंस के गणमान्य सर्विस प्रोफेसर थे। 2003 से 2006 तक वे अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रमुख अर्थशास्त्री व अनुसंधान निदेशक रहे और भारत में वित्तीय सुधार के लिए योजना आयोग द्वारा नियुक्त समिति का नेतृत्व भी किया।

साल 1985 में रघुराम ने आईआईटी दिल्ली से इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बैचलर की डिग्री हासिल की और साल 1987 में आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए किया। इंडिया के आधे से ज़्यादा यूथ और वरिष्ठजनों का मानना है कि इन संस्थानों में वही बच्चें आते है जो सबसे ज़्यादा पढ़ाकू होते है।  

रघुराम राजन के बेबाक और बिंदास अंदाज़ से तो आप भलिभांति परिचित है नोटबंदी के बाद सभी को उम्मीद थी कि रघुराम राजन कुछ बोले, कुछ बोले लेकिन रघुराम राजन चुप रहे। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक राजन अखिरी वक्त तक नोटबंदी के इस फैसले के पक्ष में नही थे। खैर अब जो हुआ हो गया। रघुराम राजन अब अमरीका में है और अपना पद छोड़ चुके हैं अब उनकी जगह आरबीआई के पूर्व डिप्टी गर्वनर उर्जित पटेल ने ली है।

कैरियर
स्नातक स्तर तक की पढ़ाई के बाद राजन शिकागो विश्वविद्यालय के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस में शामिल हो गए। सितम्बर 2003 से जनवरी 2007 तक वह अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में आर्थिक सलाहकार और अनुसंधान निदेशक (मुख्य अर्थशास्त्री) रहे। जनवरी 2003 में अमेरिकन फाइनेंस एसोसिएशन द्वारा दिए जाने वाले फिशर ब्लैक पुरस्कार के प्रथम प्राप्तकर्ता थे। यह सम्मान 40 से कम उम्र के अर्थशास्त्री के वित्तीय सिद्धान्त और अभ्यास में योगदान के लिए दिया जाता है।

2005 में ऐलन ग्रीनस्पैन अमरीकी फेडरल रिजर्व की सेवानिवृत्ति पर उनके सम्मान में आयोजित एक समारोह में राजन ने वित्तीय क्षेत्र की आलोचना कर एक विवादास्पद शोधपत्र प्रस्तुत किया। उस शोधपत्र में उन्होंने स्थापित किया कि अन्धाधुन्ध विकास से विश्व में आपदा हावी हो सकती है।

इन सबके अतिरिक्त उन्हें जो सम्मान प्राप्त हुए हैं वो हैं 
• 2011- में नासकोम द्वारा - ग्लोबल इंडियन ऑफ द ईयर
• 2012- में इन्फोसिस द्वारा-आर्थिक विज्ञान के लिए सम्मान
• 2013- वित्तीय अर्थशास्त्र के लिए सैंटर फार फाइनेंशियल स्टडीज़, ड्यूश बैंक 

गवर्नर के रूप में कार्यकाल
4 सितम्बर 2013 को पदभार ग्रहण करने के बाद अपने प्रथम भाषण में ही राजन ने भारतीय बैंकों की नई शाखाएं खोलने के लिए लाईसेंस प्रणाली की समाप्ति की घोषणा कर दी

सम्मान
•2003 में उन्हें पेहला ब्लेक फिशर प्रैज़ प्राप्त हुआ|
• ‘सर्वश्रेष्ठ केंद्रीय बैंक गवर्नर’ पुरस्कार (10 अक्टूबर, 2014 को ‘यूरोमनी’ पत्रिका द्वारा वर्ष 2014 के लिए), यह पुरस्कार रघुराम राजन को भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए कठोर मौद्रिक उपाय करने के लिए चयनित किया गया। उनकी पुस्तक ‘फाल्ट लाइंस : हाउ हिडेन फ्रैक्चर्स स्टिल थ्रीटेन द वर्ल्ड इकॉनोमी’काफी चर्चित है।
• 2014 में उन्हें एक केन्द्रिय बैन्किङ विती पत्रिका ने "साल के सर्वश्रेष्ठ राज्यपाल" का पुरस्कार देकर सम्मानित किया|
• 2016 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ केंद्रीय बैंकर पुरस्कार 'दि बैंकर" द्वारा प्राप्त हुआ

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