Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Sep, 2017 09:51 AM
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नई दिल्ली: इकोनॉमिक ग्रोथ में तेजी लाने के लिए मोदी सरकार ने कमर कस ली है। सरकार जल्द ही 50,000 करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान कर सकती है। हालांकि इससे वित्तीय घाटे का लक्ष्य हासिल करना उसके लिए संभव नहीं होगा। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सरकार मार्च, 2018 तक अतिरिक्त 50,000 करोड़ रुपए (7.7 अरब डॉलर) खर्च कर सकती है। राहत पैकेज की घोषणा जल्द की जाएगी। इससे वित्तीय घाटा 0.5 प्रतिशत बढ़ सकता है।
गौरतलब है कि वित्त मंत्री अरुण जेतली ने बुधवार को संकेत दिए थे कि इकोनॉमिक रिवाइवल के लिए सरकार राहत पैकेज का ऐलान कर सकती है। उन्होंने कहा था कि इकोनॉमी को बूस्ट करने के लिए अतिरिक्त उपायों पर विचार किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार सरकार आर्थिक सुस्ती को दूर करने के लिए एक्शन प्लान तैयार करेगी। अलग-अलग मंत्रालयों के साथ हाई लैवल डिस्कशन किया जा रहा है। जिस सैक्टर में तेजी लाने के लिए जितनी राहत पैकेज की जरुरत होगी उस हिसाब से राशि दी जाएगी। मुख्य तौर पर जोर उन सैक्टरों में होगा जिनसे ज्यादा रोजगार पैदा होने की संभावनाएं हैं। इसमें प्रमुख रुप से मैन्युफैक्चरिंग, पावर, इंफ्रास्ट्रक्चर और आई.टी. विभाग शामिल हैं। राहत पैकेज के तहत सरकार टैक्स में छूट भी दे सकती है और इसका भार खुद उठा सकती है।