GST का नेगटिव इफैक्ट, देश के कई हिस्सों नहीं मिल रही दवाईयां

Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Jul, 2017 04:17 PM

negative effect of gst many parts of the country are not getting medicines

जी.एस.टी. पर भ्रम के कारण देश के कई हिस्सों में मधुमेह और दिल की बीमारी के इलाज के लिए जरूरी दवाओं की किल्लत हो गई है।

नई दिल्लीः जी.एस.टी. पर भ्रम के कारण देश के कई हिस्सों में मधुमेह और दिल की बीमारी के इलाज के लिए जरूरी दवाओं की किल्लत हो गई है। दवा कंपनियों ने पुराना स्टॉक रोक लिया है। इससे दिल्ली, यूपी, बिहार, उत्तराखंड आदि राज्यों के कई शहरों में दवा की आपूर्ति ठप हो गई है। वित्त मंत्रलय का कहना है कि उसे दवाओं की कमी की कोई सूचना नहीं मिली है। वह इस संदर्भ में उपभोक्ता मंत्रलय के लगातार संपर्क में है और उसकी ओर से कई निर्देश भी जारी किए गए हैं।

60 फीसदी कम स्टॉक 
दिल्ली के एक बड़े दवा डिस्ट्रीब्यूटर के अनुसार, मल्टीनेशनल कंपनियों के दवाओं का स्टॉक 60 फीसदी तक कम हो गया है। जबकि दवा कंपनियों का कई सौ करोड़ रुपये का स्टॉक गोदामों में भरा पड़ा है जिसे जी.एस.टी. लागू होने के बाद से वे बाजार में नहीं उतार रही हैं। कंपनियों को पुराने स्टॉक पर घाटा हो रहा है, इससे वे इसे बाजार में निकाल नहीं रही हैं। दवा कंपनियों को पुराने स्टॉक में केवल उत्पाद कर और वैट पर ही छूट मिल रही है।
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मुफ्त योजना बंद 
बाजार में दवाओं की कमी की एक वजह कंपनियों द्वारा मुफ्त योजना का बंद करना भी है। यह खुदरा से लेकर थोक व्यापारियों की मुख्य कमाई का साधन था लेकिन जी.एस.टी. पर भ्रम के चलते कंपनियों ने इन पर फिलहाल रोक लगा दी है। इसके चलते थोक व्यापारी दवाएं नहीं खरीद पा रहे हैं।
 

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