Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Sep, 2017 12:07 PM
सरकार की फसल बीमा योजना में लांच के सालभर के भीतर ही बड़े बदलाव करने की तैयारी शुरू हो गई है
नई दिल्लीः सरकार की फसल बीमा योजना में लांच के सालभर के भीतर ही बड़े बदलाव करने की तैयारी शुरू हो गई है। सरकार इसके लिए इंश्योरेंस कंपनियों के बीच कॉम्पिटिशन बढ़ाने पर फोकस कर रही है। योजना के औसत प्रीमियम में कमी लाने और कवरेज का दायरा बढ़ाकर उसमें प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान को भी लाने पर ध्यान दिया जा रहा है। पिछले साल शुरू हुई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार की बड़ी गुंजाइश है। एक हाई लेवल टीम से इसके कवरेज का दायरा बढ़ाने के लिए कहा गया है। इस योजना को ऐसा बनाने के लिए कहा गया है कि यह सभी पक्षों के लिए फायदेमंद हो। ईटी को यह जानकारी योजना में बदलाव पर काम कर रहे सूत्र ने दी है। आधिकारिक सूत्र ने पहचान जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर बताया, 'एग्री इंश्योरेंस को कॉम्पिटिटिव बनाने की जरूरत है।
यह मकसद इंश्योरेंस कंपनियों के बीच कॉम्पिटिशन बढ़ाकर हासिल किया जा सकता है। इससे प्रीमियम में कमी आएगी और किसानों के लिए फसल बीमा लेना सस्ता हो जाएगा।'बता दें कि मौजूदा स्कीम के तहत किसानों को ज्यादातर फसलों के लिए 1.5 पर्सेंट से 2 पर्सेंट तक प्रीमियम चुकाना पड़ता है जबकि बीमा कंपनियां औसतन 11 पर्सेंट चार्ज करती हैं। बाकी रकम केंद्र और राज्य सरकार बराबर अनुपात में चुकाती हैं। सूत्र ने बताया कि बीमा योजना में कवरेज बढ़ाकर उसमें प्राकृतिक आपदा से मकान और संपत्ति को होने वाले नुकसान को भी शामिल किया जा सकता है। अब तक ऐसे डैमेज सिर्फ नैशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड में ही कवर होते रहे हैं।