Edited By ,Updated: 08 May, 2017 04:39 PM
वित्त मंत्री अरुण जेतली ने कहा कि दुनिया में सबसे बड़ी ‘नोटबंदी’ के बाद बैंकिंग प्रणाली में नई नकदी...
टोक्यो: वित्त मंत्री अरुण जेतली ने कहा कि दुनिया में सबसे बड़ी ‘नोटबंदी’ के बाद बैंकिंग प्रणाली में नई नकदी डालने का काम लगभग पूरा हो गया है और इस कदम से देश में कर के दायरे का विस्तार करने में मदद मिलेगी। नवंबर, 2016 को सरकार ने 500 और 1,000 के नोटों पर प्रतिबंध लगा दिया था। इससे देश में चलन से 86.4 प्रतिशत मुद्रा बाहर हो गई थी।
नोटबंदी एक बड़ा फैसला
जेतली ने यहां सी.आई.आई., भारतीय दूतावास और जापान चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित परिचर्चा सत्र ‘भारत में कारोबारी माहौल, सुधार एवं अवसर’ में कहा, ‘‘भारत एक कर अनुपालन वाला समाज नहीं है। अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा नकदी केंद्रित है। इस समस्या का हल करने की जरूरत है। इस समस्या के हल के लिए राजनीतिक साहस की जरूरत है।’’ वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 8 नवंबर को बड़े मूल्य के नोटों को बंद करने का एक बड़ा फैसला लिया था। यह दुनिया में नोटबंदी का सबसे बड़ा कदम है।
डिजिटलीकरण की ओर बढ़ेंगे कदम
उन्होंने कहा, ‘‘86 प्रतिशत मुद्रा को कुछ माह के समय में बदल लिया गया है। नई करेंसी डालने का काम लगभग पूरा हो गया है।’’ जेतली ने कहा कि इस कदम से डिजिटलीकरण की ओर बढ़ने में मदद मिली है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे आने वाले दिनों में कराधान का दायरा बढ़ेगा। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि प्रतिकूल वैश्विक वातावरण के बावजूद भारत 7 से 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर रहा है। उन्होंने कहा कि सुधारों की श्रृंखला और दुनिया में वृद्धि में लगातार सुधार से मुझे विश्वास है कि आने वाले वर्षों में यह वृद्धि और सुधरेगी। उन्होंने कहा कि अगले एक या दो दशक में दीर्घावधि के निवेश गंतव्य के रूप में भारत में नए अवसर खुलेंगे। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने प्रणालीगत तरीके से देश में कारोबार सुगमता की चुनौतियों को दूर किया है। इनमें पर्यावरण मंजूरी से संबंधित चुनौतियों भी शामिल हैं।
सार्वजनिक बैंकों में हिस्सेदारी की बिक्री उनकी हालत सुधरने के बाद ही
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अपनी हिस्सेदारी को कम करके 52% तक कर सकती है, लेकिन यह कदम इन बैंकों की हालत सुधरने के बाद उठाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया में जो धन मिलेगा, उसे बैंकों की पूंजी बढ़ाने में इस्तेमाल किया जाएगा। जेतली ने उम्मीद जताई कि फंसे कर्जों की बढ़ती समस्या के समाधान के लिए सरकार द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक को दिए गए नए अधिकार के बाद इसका हल निकलेगा।