चावल छिलका तेल का उत्पादन, मांग बढ़ाने की संभावना: SEA

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Aug, 2017 02:40 PM

rice peel oil production  likely to increase demand  sea

एक उद्योग संगठन ने कहा कि देश में चावल छिलका तेल की खपत बढ़ रही है और यह करीब...

नई दिल्ली: एक उद्योग संगठन ने कहा कि देश में चावल छिलका तेल की खपत बढ़ रही है और यह करीब 10 लाख टन प्रतिवर्ष की है लेकिन उत्पादन और मांग को बढ़ाने की काफी संभावना है। इस तेल का उत्पादन चावल के छिलके से किया जाता है जो धान की भूसी और सफेद चावल के बीच एक तेल की परम के रूप में होती है।       साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन (एस.ई.ए.) के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता ने बैंकॉक में पेश किए गए एक परिपत्र में कहा, ‘‘भारत में चावल छिलका तेल की पूरी संभावनाओं का पूर्ण दोहन नहीं किया गया है। मौजूदा समय में चावल छिलका तेल का उत्पादन करीब 9,80,000 टन प्रतिवर्ष का है तथा प्रतिवर्ष करीब 40 हजार से 50 हजार टन की दर से बढ़ रहा है।’’

भारत चावल का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक
भारत दुनिया में चावल का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है और यह भारत में लोगों का महत्वपूर्ण नियमित आहार है। देश के धान उत्पादन के आधार पर चावल छिलका के उत्पादन की संभावना करीब 98 लाखस टन की है। हालांकि भारत केवल 50 लाख टन का प्रसंस्करण करता है और शेष की खपत सीधे पशुओं के चारे के बतौर होता है। मेहता ने कहा, ‘‘चावल छिलका की संभावना के आधार पर भारत में चावल छिलका तेल के उत्पादन की संभावना करीब 16.2 लाख टन प्रतिवर्ष की है।’’ उन्होंने कहा कि दोहन नहीं किए जा रही तेल उत्पादन की संभावना 6,50,000 टन की है। भारत में करीब 4.4 करोड़ हेक्टेयर रकबे में धान का उत्पादन होता है और औसत ऊपज करीब 2,400 किग्रा प्रति हेक्टेयर की है। फसल वर्ष 2016..17 (जुलाई से जून) में धन का उत्पादन 11 करोड़ टन का हुआ था। देश में पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेशस, उत्तर प्रदेश और पंजाब प्रमुख धान उत्पादन राज्य हैं।

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