Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Jun, 2017 12:37 PM
रिलायंस कम्युनिकेशंस में नकदी के ताजा संकट के बीच वैश्विक रेटिंग एजेंसी...
नई दिल्ली: रिलायंस कम्युनिकेशंस में नकदी के ताजा संकट के बीच वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने आज कहा कि देश के बैंकों ने दूरसंचार क्षेत्र को बहुत अधिक कर्ज नहीं दिया है, लेकिन डिफॉल्ट से बैंकों की वित्तीय स्थिति प्रभावित हो सकती है।
कंपनियों का कर्ज बहुत ज्यादा नहीं
रेटिंग एजेंसी के एक नोट में कहा गया है कि संकट में फंसी दूरसंचार कंपनियों को भारतीय बैंकों का कर्ज इतना अधिक नहीं है कि इससे प्रणालीगत जोखिम की स्थिति पैदा हो, लेकिन किसी तरह के डिफॉल्ट से बैंकों की समस्या बढ़ सकती और उनका बहीखाता कमजोर हो सकता है।
RCom पर 45,000 करोड़ रुपए का कर्ज
रिजर्व बैंक के अनुसार दूरसंचार कंपनियों पर बैंकों का बकाया कर्ज 91,300 करोड़ रुपए या 14 अरब डॉलर है। यह कुल बैंक ऋण का 1.4 प्रतिशत है। अनिल अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस कम्युनिकेशंस पर बैंकों का 45,000 करोड़ रुपए का कर्ज है और वह इसे चुकाने के लिए संघर्ष कर रही है। फिच ने कहा कि देश की दूरसंचार कंपनियों की ऋण पृष्ठभूमि पिछले साल रिलायंस जियो के प्रवेश तथा 4जी सेवाओं के लिए नेटवर्क पर निवेश की वजह से प्रभावित हुई है। फिच ने कहा कि कुछ कंपनियोंं को अपना कर्ज चुकाने में दिक्कत आ सकती है और हमने इस क्षेत्र के लिए नकारात्मक परिदृश्य रखा है।