खरीदारो के फ्लैट पूरे करने के लिए जेपी ग्रुप उठाएगा ये कदम

Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Aug, 2017 12:18 PM

these steps will take the jp group to complete the buyers flats

बुकिंग के बावजूद ग्राहकों को फ्लैट नहीं देने जेपी इंफ्राटेक खिलाफ इनसॉल्वेंसी की प्रक्रिया शुरु हो गई है

नई दिल्ली: बुकिंग के बावजूद ग्राहकों को फ्लैट नहीं देने जेपी इंफ्राटेक खिलाफ इनसॉल्वेंसी की प्रक्रिया शुरु हो गई है। जेपी इंफ्राटेक की इसके लिए नियुक्त की गई टीम से मकान खरीदने वाले ग्राहकों के हितों को ध्यान रखने और उसके वरीयता देने को कहा गया है। इसके साथ ही जेपी इंफ्राटेक को टॉप कॉरपोरेट डिफॉल्टर्स की सूची में डाल दिया गया है।

दूसरी संपत्ति बेच पूरे होंगे प्रोजेक्ट
सूत्रों को मुताबिक केंद्र सरकार जेपी इंफ्राटेक के इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है। इसके तहत जेपी इंफ्राटेक की दूसरी संपत्तियां बेचने के लिए एक स्टेट एजेंसी नियुक्त करने की योजना में है। इस पैसे से अधूरे पड़े प्रोजेक्ट को पूरा करने का विचार है। खबर है कि बैंकरप्सी कोड किसी कंपनी के अधूरे पड़े प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए अगर कंपनी की दूसरी संपत्ति को बेचने का अधिकार देती है तो हम इस मामले में वाणिज्य मंत्रालय के साथ बात करेंगे।

खरीदारों को मिल सकता है लाभ
रियल एस्टेट कंपनी जेपी इंफ्राटेक को दिवालिया घोषित करने से उन खरीदारों को फायदा मिल सकता है, जिनको फ्लैट की पजेशन अबतक नहीं मिली या फिर उनके प्रोजेक्ट्स अभी अधूरे हैं। बता दें कि NCLT (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) ने बीते दिनों जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ इनसॉल्वेंसी को मंजूरी दी थी। NCLT ने आई.डी.बी.आई. बैंक की याचिका को स्वीकार करते हुए जेपी इंफ्राटेक को दिवालिया की श्रेणी में शामिल कर लिया था।

32 हजार लोगों के सपने हैं अधूरे
बता दें कि जेपी इंफ्राटेक में करीब 32 हजार लोगों ने फ्लैट की बुकिंग कराई है, जिसमें से सिर्फ 5,500 लोगों की ही पजेशन मिल सका है। ग्राहकों के मुताबिक 2008 में बुक कराए गए फ्लैट पर भी कंपनी ने अभी तक पजेशन नहीं दिया है। अच्छी लोकेशन और सस्ता होने की वजह से इन प्रोजेक्ट्स में ज्यादातर मध्यम वर्ग के परिवारों ने घर का सपना संजोकर अपने जिंदगी भर की कमाई फ्लैट के लिए लगा दी थी, लेकिन एक लंबा वक्त गुजर जाने के बाद भी उन्हें उऩका घर नहीं मिला है। जेपी इंफ्राटेक के नोएडा में अधूरे् पड़े विश टाउन प्रोजेक्ट में पैसा लगाने वाले खरीदार कुछ ज्यादा ही परेशान हैं, क्योंकि कंपनी के भविष्य को लेकर अब कई तरह की अनिश्चितताएं बनी हुई हैं।

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