Edited By ,Updated: 25 May, 2017 09:55 AM
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने नई कंपनी रिलायंस जियो को फोन कॉल्स...
नई दिल्ली: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने नई कंपनी रिलायंस जियो को फोन कॉल्स पूरी करने के लिए पर्याप्त मात्रा में इंटरकनैक्ट प्वाइंट (पी.ओ.आई.) उपलब्ध न करवाने के मामले में एयरटैल, वोडाफोन और आइडिया सैल्युलर के खिलाफ 3050 करोड़ रुपए के जुर्माने का मजबूती से बचाव किया है।
दूरसंचार विभाग द्वारा उठाए गए सवालों का बिंदुवार जवाब देते हुए ट्राई ने कहा कि तीनों मौजूदा ऑप्रेटरों ने जानबूझ कर रिलायंस जियो को पी.ओ.आई. उपलब्ध करवाने में देरी की ताकि नई कंपनी के प्रवेश में अड़चन लगाई जा सके। इससे उपभोक्ताओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उसने कहा कि दूरसंचार ऑप्रेटर लाइसैंस शर्तों से बंधे हुए हैं और उनके लिए सेवाओं की गुणवत्ता कायम रखना जरूरी है। ऐसे में किसी तरह के उल्लंघन को लाइसैंस के नियम और शर्तों का उल्लंघन माना जाएगा।
दूरसंचार विभाग ने मांगा था स्पष्टीकरण
ट्राई ने कहा कि लाइसैंस के नियमों और शर्तों का पालन नहीं करने पर लाइसैंस वापस लिया जा सकता है। हालांकि प्राधिकरण ने उपभोक्ताओं को असुविधा से बचाने के लिए इस तरह का कदम न उठाते हुए वृहद जनहित में प्रति सर्कल 50 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाने की सिफारिश की। दूरसंचार विभाग ने फरवरी में ट्राई से कई बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा था। ट्राई से यह बताने को कहा गया था कि किस आधार पर यह जुर्माना लगाया गया है और इसकी गणना कैसे की गई है। कानून के किस प्रावधान के तहत यह किया गया है।