योगी ने बढ़ाई चमड़ा उद्योग की चिंता

Edited By ,Updated: 30 Mar, 2017 04:31 PM

yogi raises worry about leather industry

उत्तर प्रदेश में मांस कारोबारियों के साथ चमड़ा उद्योग की भी चिंता बढ़ गई है।

कानपुरः उत्तर प्रदेश में मांस कारोबारियों के साथ चमड़ा उद्योग की भी चिंता बढ़ गई है। यू.पी. के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद भाजपा शासित अन्य राज्यों- झारखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड में भी इन पर पाबंदी लगाने के आदेश दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश में जहां अवैध बूचड़खानों पर ताला लटक गया है, वहीं बिना लाइसेंस के गली-मोहल्लों में चलने वाली मांस की दुकानें भी बंद हो गई हैं। इसका असर पशुओं की खाल की कीमतों पर पड़ रहा है, जो चमड़ा उद्योग का मुख्य कच्चा माल है।

खाल का ज्यादा इस्तेमाल जूते बनाने में 
देश के प्रमुख चमड़ा केंद्र में शुमार कानपुर समेत पूरे प्रदेश में पशुओं की खाल महंगी होने लगी है। भैंस की संपूर्ण खाल (फुल लेंथ) की कीमत 2,500 से 2,600 रुपए तक पहुंच गई है जबकि पहले यह 2,200 से 2,300 रुपए में आसानी से उपलब्ध थी। खाल महंगी होने से चमड़ा कारोबारियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि पशुओं की खाल पहले से ही काफी महंगी थी और अब इसके दाम बढ़ने से परेशानी और बढ़ गई है। इन खालों का सबसे ज्यादा इस्तेमाल जूता बनाने में किया जाता है। उनके मुताबिक बकरे और बकरी की खाल से जैकेट आदि बनते हैं। लेकिन सीजन नहीं होने के कारण इनकी मांग नहीं है। इसलिए फिलहाल इनकी इन खालों के दामों में कोई बढ़ौतरी नहीं हुई है। यहां से आगरा, कोलकाता और मुंबई भी खाल भेजी जाती है। 

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